बिगड़ते पर्यावरण को देख युवाओं में बढ़ा पौधे लगाने का रुझान

जागरण संवाददाता साहिबाबाद पर्यावरण में हो रहे बुरे बदलाव को देखते हुए युवा जागरूक हुए

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 08:49 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 08:49 PM (IST)
बिगड़ते पर्यावरण को देख युवाओं में बढ़ा पौधे लगाने का रुझान
बिगड़ते पर्यावरण को देख युवाओं में बढ़ा पौधे लगाने का रुझान

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :

पर्यावरण में हो रहे बुरे बदलाव को देखते हुए युवा जागरूक हुए हैं। पिछले दो तीन सालों से युवा पौधारोपण के प्रति जागरूक हुए हैं। ट्रांस हिडन में ऐसे सैकड़ों युवा हैं जो अपनी उम्र से कई गुना ज्यादा पौधे लगा चुके हैं। पौधे लगाने के साथ उनके देखरेख भी करते हैं, जिससे वह सूखे नहीं। इतना ही नहीं ट्रांस हिडन में कई संस्थाएं भी पौधारोपण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जन्मदिन या विशेष अवसर पर पौधे भेंट करते हैं।

ट्रांस हिडन में रहने वाले 25 से 35 वर्ष के 20 युवाओं के संपर्क किया गया तो अधिकांश युवाओं ने कहा कि उन्होंने खूब पौधे लगाए। वहीं, कुछ युवा ऐसे भी हैं जो यहां पर किराये पर रह रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने गांव और घर पर भी पौधे लगाए हैं, जो आज पेड़ बनकर फल दे रहे हैं। शक्ति खंड चार निवासी विकास का कहना है कि उन्होंने अपने गांव में बचपन में पौधे लगाए, लेकिन इंदिरापुरम जैसे इलाके में पौधे लगाने कहां जाएं, यह सोचना पड़ता है। लोगों को जागरूक कर रही संस्थाएं : ट्रांस हिडन में कई संस्थाएं ऐसी हैं जो पौधे लगाने के लिए लोगों को जागरूक कर रही हैं। वैकमा संस्था के संचालक सुनील नेगी का कहना है कि इंसान ही एक ऐसा प्राणी है जो सबकी देखरेख कर सकता है और हमारी देखरेख प्रकृति करती हैं। यदि हम प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करेंगे तो उसका परिणाम बेहद खतरनाक होगा। सभी को पौधारोपण करना चाहिए। इससे बारिश भी ज्यादा होगी, फल, छाया, ताजी हवा व शुद्ध वातावरण मिलेगा। हमारी संस्था की ओर से लोगों को पौधे देकर पौधारोपण करने और उनकी देखरेख करने का संदेश दिया जा रहा है। वहीं, डब्ल्यूए मार्स संस्था की अध्यक्ष दीपाली सिन्हा का कहना है कि वह लोगों को जन्मदिन व विशेष अवसर पर पौधे भेंट करती हैं। स्कूल और कॉलेज परिसर में भी पढ़ने के दौरान भी मैने पौधे लगाए। आज वो पेड़ हो गए हैं। घर पर भी हमने करीब 25 पेड़ नीम, पीपल, सहजन, आंवला के भी लगाए हैं, जल्द ही वह भी बड़े होकर फल व शुद्ध हवा देंगे।

- मनीष डागर निवासी ग्राम निस्तौली गाजियाबाद के विभिन्न हिस्सों में एक हजार से अधिक पौधे लगा चुका हूं। एनएच-58 के किनारे सैकड़ों पौधे लगाए हैं, जो बड़े हो गए हैं। पौधे लगाने से ही पर्यावरण बचेगा। युवाओं को बढ़चढ़कर पौधारोपण करना चाहिए। - कौशल कुमार निवासी इंदिरापुरम

कोई भी व्यक्ति सड़क के किनारे या सेंट्रल वर्ज में पौधे लगा सकता है। यदि जगह नहीं मिल रही है तो ग्रीन बेल्ट में जाकर पौधे लगाएं। पौधे लगाने के साथ उनकी देखरेख भी करें, जिससे पौधे न सूखें।

- एके चौधरी, अधिशासी अभियंता जीडीए

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