संशोधित: भाई के मेडल देख खेलों में कुछ कर गुजरने की जागी ललक : अबु हुबैदा

बचपन से ही अबु हुबैदा का एक पैर पोलियो से खराब हो गया। बीमारी के साथ वह कुछ साल तक बेचारगी में जिए। वे लखनऊ के कल्याणपुर के रहने वाले हैं। पिता मोहम्मद कमर उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही हैं। बड़े भाई अबु हुरैरा को स्कूल से खेलों में मेडल लाते देख अबु हुबैदा ने भी खेलने की इच्छा जताई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 06:52 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 07:05 PM (IST)
संशोधित: भाई के मेडल देख खेलों में कुछ कर गुजरने की जागी ललक : अबु हुबैदा
संशोधित: भाई के मेडल देख खेलों में कुछ कर गुजरने की जागी ललक : अबु हुबैदा

शाहनवाज अली, गाजियाबाद : बचपन से ही अबु हुबैदा का एक पैर पोलियो से खराब हो गया। बीमारी के साथ वह कुछ साल तक बेचारगी में जिए। वे लखनऊ के कल्याणपुर के रहने वाले हैं। पिता मोहम्मद कमर उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही हैं। बड़े भाई अबु हुरैरा को स्कूल से खेलों में मेडल लाते देख अबु हुबैदा ने भी खेलने की इच्छा जताई। मां और बड़े भाई ने आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। कई अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिटन चैंपियनशिप में देश के लिए पदक हासिल किए। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च खेल सम्मान लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित किया।

महामाया स्टेडियम में बतौर आयोजन चयन समिति सदस्य के तौर पर आए अंतरराष्ट्रीय पैरा शटलर अबु हुबैदा ने दैनिक जागरण से विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी कमजोरी को कभी खुद पर हावी नहीं होने दिया। हालात का डटकर सामना किया। इसका नतीजा सभी के सामने है। बताते हैं कि वह भाई को क्रिकेट और बैडमिटन में मेडल लाते देखते थे। खेलों के बारे में भाई से जिक्र किया तो उन्होंने मेरा हौंसला बढ़ाया। हर कदम पर मदद की। पैरा बैडमिटन के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी द्रोणाचार्य अवार्डी गौरव खन्ना से मिला। उन्होंने मुझे खेलों में आगे बढ़ने में मदद करने के साथ ही हौंसला अफजाई की। हाल ही में 16 से 21 नवंबर में युगांडा पैरा बैडमिटन इंटरनेशनल-2021 में पुरुष एकल और मिक्स में स्वर्ण और डबल में रजत पदक जीता है। इसी के साथ व‌र्ल्ड बैडमिटन चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई भी किया। उन्होंने बताया कि पैरा में खिलाड़ियों का भविष्य है। इसके लिए बिना झिझक हौंसलों के साथ खिलाड़ियों को आगे आना चाहिए। केंद्र और प्रदेश सरकार भी दिव्यांग खिलाड़ियों को बेहतर खेल सुविधाएं दे रही है। बाक्स..

ये जीते पदक स्वर्ण पदक (पुरुष युगल)- युगांडा पैरा बैडमिटन इंटरनेशनल 2017

कांस्य पदक (पुरुष एकल)- युगांडा पैरा बैडमिटन इंटरनेशनल 2017

कांस्य पदक (पुरुष एकल) - दुबई पैरा बैडमिटन इंटरनेशनल 2018

कांस्य पदक (पुरुष युगल) - दुबई पैरा बैडमिटन इंटरनेशनल 2018

रजत पदक (मिश्रित युगल) - दुबई पैरा बैडमिटन इंटरनेशनल 2018

रजत पदक (मिश्रित युगल) - थाईलैंड पैरा बैडमिटन इंटरनेशनल 2019

रजत पदक (मिश्रित युगल) - पेरू पैरा बैडमिटन इंटरनेशनल 2020

रजत पदक (पुरुष युगल) - दुबई पैरा बैडमिटन इंटरनेशनल 2021

स्वर्ण पदक (पुरुष एकल) - युगांडा पैरा बैडमिटन इंटरनेशनल 2021

स्वर्ण पदक (मिश्रित युगल) - युगांडा पैरा बैडमिटन इंटरनेशनल 2021

रजत पदक (पुरुष युगल) - युगांडा पैरा बैडमिटन इंटरनेशनल 2021

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ये मिला पुरस्कार

- दिव्यांगजन अधिकारिता उत्तर प्रदेश द्वारा 3 दिसंबर 2016 को उत्कृष्ट दिव्यांग खिलाड़ी से सम्मानित।

- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 10 जून 2017 को लोकमत सम्मान से सम्मानित।

- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 जनवरी 2021 को उत्तर प्रदेश का सर्वोच्च खेल सम्मान लक्ष्मण पुरस्कार से किया सम्मानित।

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