गर्व : कोच विजय शर्मा के प्रशिक्षण में देश को मिला दूसरा पदक

फोटो नं.- 24मोदी-4 5 - अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू के कोच हैं विजय शर्मा - र

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 09:48 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 09:48 PM (IST)
गर्व : कोच विजय शर्मा के प्रशिक्षण में देश को मिला दूसरा पदक
गर्व : कोच विजय शर्मा के प्रशिक्षण में देश को मिला दूसरा पदक

फोटो नं.- 24मोदी-4, 5 - अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू के कोच हैं विजय शर्मा

- राष्ट्रमंडल 2018 में गोल्ड के बाद अब टोक्यो ओलंपिक में देश को मिला सिल्वर

- मोदीनगर की कैलाश कालोनी के रहने वाले हैं कोच विजय शर्मा

विकास वर्मा, मोदीनगर :

गाजियाबाद के मोदीनगर में रहने वाले अंतरराष्ट्रीय कोच विजय शर्मा के

निर्देशन में भारत को वेटलिफ्टिग में दूसरा पदक मिला। मीराबाई चानू को

पिछले चार साल से विजय शर्मा प्रशिक्षण दे रहे हैं। शनिवार को टोक्यो

ओलंपिक मे मीराबाई चानू ने जब सिल्वर मेडल जीता तो ट्वीट कर उन्होंने विजय शर्मा का आभार जताया। उन्होंने अपनी सफलता में विजय शर्मा की विशेष भूमिका बताई। इससे शहरवासियों का भी सीना चौड़ा हो गया। विजय शर्मा पिछले छह साल से भारतीय वेटलिफ्टिग टीम को प्रशिक्षण दे रहे हैं। इससे पहले भी आस्ट्रेलिया के राष्ट्रमंडल खेलों में मीराबाई चानू ने गोल्ड मेडल जीता था, तब भी विजय शर्मा ही उनके कोच थे। साल 2019 से ही विजय शर्मा पटियाला स्थित साईं (स्पो‌र्ट्स एकेडमी आफ इंडिया) में ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों को तैयार कर रहे थे।

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द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं विजय शर्मा

- आस्ट्रेलिया के राष्ट्रमंडल खेलों के बाद 2018 में ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने विजय शर्मा को गुरु द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया था। विजय शर्मा कहते हैं कि बचपन से ही उनका सपना देश का नाम विश्व

में ऊंचा कराने में अपनी भागीदारी अदा करने का था। इसके लिए वे दिन-रात मेहनत करते थे।

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2018 में मोदीनगर आई थीं मीराबाई चानू

- साल 2017 में मोदीनगर के आरएन रिसोर्ट में आयोजित वेटलिफ्टिग

प्रतियोगिता में मीराबाई चानू बतौर मुख्य अतिथि आई थीं। उन्होंने विजयी

खिलाड़ियों को पदक देकर सम्मानित किया था। उनके साथ कोच विजय शर्मा भी उपस्थित रहे थे।

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भारतीय रेलवे में सेवारत हैं विजय

- विजय शर्मा भारतीय रेलवे में सेवा दे रहे हैं। ओलंपिक से पहले उन्हें

डेप्यूटेशन पर पटियाला में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए

भेजा गया था। मीराबाई की मेहनत और विजय शर्मा की तकनीक ने राष्ट्रमंडल के बाद अब ओलंपिक में भी देश को पदक दिलाया है।

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