हर्षोल्लास से मनाया रक्षाबंधन का पर्व

जागरण संवाददाता मोदीनगर रक्षाबंधन का पर्व रविवार को पूरे हर्षोल्लास से मनाया गया। बहनों ने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी दीर्घायु की कामना की। कुछ बहनों ने मुहूर्त के हिसाब से राखी बांधी जबकि कुछ ने व्यस्तता व कई अन्य जरूरी कार्यों के चलते बिना मुहूर्त के ही राखी बांधकर त्योहार मनाया। बच्चों में भी त्योहार को लेकर भारी उत्साह दिखा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Aug 2021 10:03 PM (IST) Updated:Sun, 22 Aug 2021 10:03 PM (IST)
हर्षोल्लास से मनाया रक्षाबंधन का पर्व
हर्षोल्लास से मनाया रक्षाबंधन का पर्व

जागरण संवाददाता, मोदीनगर: रक्षाबंधन का पर्व रविवार को पूरे हर्षोल्लास से मनाया गया। बहनों ने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी दीर्घायु की कामना की। कुछ बहनों ने मुहूर्त के हिसाब से राखी बांधी, जबकि कुछ ने व्यस्तता व कई अन्य जरूरी कार्यों के चलते बिना मुहूर्त के ही राखी बांधकर त्योहार मनाया। बच्चों में भी त्योहार को लेकर भारी उत्साह दिखा। दूर रहने वाली कुछ बहनों ने डाक व अन्य माध्यमों से भाई को राखी भेजी। भाइयों ने उसे अपनी कलाई पर बांधकर रक्षा व सहयोग का प्रण लिया। इंटरनेट मीडिया भी त्योहार पर बधाई दी गई। त्योहार के दिन डयूटी कर रहे पुलिसकर्मियों को भी कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी महिलाओं ने राखी बांधकर बधाई दी। कई बहन खुद चलकर भाई के पास गईं तो कुछ भाइयों ने बहन की ससुराल पहुंचकर रस्म निभाई।

सुबह से लेकर शाम रही मारामारी: रक्षाबंधन का उत्साह घर, गली, मोहल्ले से लेकर सड़क तक दिखा। बस, आटो का काफी काफी देर तक बहनों को इंतजार करना पड़ा। बैठने के लिए बसों में जगह नहीं मिली तो डग्गामार वाहनों का भी बहनों ने सहारा लिया। मोदीनगर बस अड्डे से लेकर प्रति 20 मिनट में अलग-अलग जगह के लिए बस की सेवा उपलब्ध थी। इसके बावजूद वहां दिनभर भारी भीड़ जुटी हुई थी। वहीं वाहनों की अधिकता के कारण दिल्ली-मेरठ हाईवे पर दिनभर वाहनों को रेंगकर चलना पड़ा। सिखैड़ा रोड के पास सड़क किनारे दो दिन हुई बारिश के बाद जलभराव हो गया था। इसके चलते गाजियाबाद की ओर से करीब दो किलोमीटर की दूरी में लोगों को जाम झेलना पडा। मुरादनगर में भी आयुध निर्माणी गेट से लेकर बस अड्डे तक दिनभर जाम की स्थिति रही। पुलिस कहीं भी व्यवस्था बनाने के लिए मौजूद नहीं थी। इस संबंध में सीओ मोदीनगर सुनील कुमार सिंह का कहना है कि रक्षाबंधन पर वाहनों की अधिकता के कारण जाम की स्थिति जहां-तहां बन गई थी। पुलिस की ड्यूटी व्यवस्था बनाने के लिए लगाई गई थी। सूनी रही भाई की कलाई:

एक तरफ जहां चारों ओर रक्षाबंधन की धूम थी, वहीं मुरादनगर में हरनंदी के किनारे बसा सुराना गांव बिल्कुल मौन था। प्रतिवर्ष की तरह उन्होंने न तो रक्षाबंधन मनाया और न ही एक-दूजे को बधाई दी। मान्यता है कि मोहम्मद गोरी के आक्रमण के बाद से लेकर आज गांव के लोग रक्षाबंधन नहीं मनाते। उस समय गांव में बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई थीं। बड़ी संख्या में महिलाएं विधवा हो गई थीं। गांव के लोग बताते हैं कि जिन लोगों ने इस परंपरा को तोड़ने की कोशिश की, उनके यहां कोई न कोई अनहोनी हो गई।

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