मानव अधिकार आयोग पहुंचा किसान, दी अनशन की चेतावना

खंजरपुर माइनर की जमीन को कब्जामुक्त कराने का मामला मानव अधिकार आयोग पहुंच गया है। गदाना के किसान मनोज नेहरा ने आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूरी स्थिति से अवगत कराया है और मामले में ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर 22 नवंबर को आयोग के कार्यालय के बाहर अनशन करने की चेतावनी दी है। इसके बाद भी अगर कार्रवाई नहीं हुई तो किसान ने आत्मदाह करने की बात भी कही है। इस पत्र से पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारी किसान की मान-मनौव्वल में लगे हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 07:54 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 08:03 PM (IST)
मानव अधिकार आयोग पहुंचा किसान, दी अनशन की चेतावना
मानव अधिकार आयोग पहुंचा किसान, दी अनशन की चेतावना

जागरण संवाददाता, मोदीनगर : खंजरपुर माइनर की जमीन को कब्जामुक्त कराने का मामला मानव अधिकार आयोग पहुंच गया है। गदाना के किसान मनोज नेहरा ने आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूरी स्थिति से अवगत कराया है और मामले में ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर 22 नवंबर को आयोग के कार्यालय के बाहर अनशन करने की चेतावनी दी है। इसके बाद भी अगर कार्रवाई नहीं हुई तो किसान ने आत्मदाह करने की बात भी कही है। इस पत्र से पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारी किसान की मान-मनौव्वल में लगे हुए हैं।

खंजरपुर माइनर की जमीन पर अवैध कब्जा हो गया है। माइनर को आगे जाकर बंद कर दिया गया है, जबकि कुछ किसानों ने उसकी पटरी को काटकर अपने खेत में मिला दिया है। गदाना के किसान मनोज नेहरा की जमीन भी इसी माइनर से सटी हुई है। उनका आरोप है कि माइनर की जमीन पर कब्जा होने से उनको सिचाई विभाग के पानी का लाभ नहीं मिलता। पटरी कमजोर होने से कभी भी उनके खेत में पानी भर जाता है, जिससे उनकी फसल बर्बाद हो जाती है। उनका कहना है कि खेती की आमदनी से ही उनका परिवार पलता है। ऐसे में उनको 17 साल से नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिसके लिए कब्जेदारों के अलावा सिचाई विभाग के अधिकारी भी जिम्मेदार हैं। उनको अब तक हुए नुकसान का मुआवजा मिले और माइनर को कब्जामुक्त कराया जाए। मनोज नेहरा इसके लिए तहसील में कई बार अनशन और आत्मदाह की कोशिश भी कर चुके हैं।

उनका आरोप है कि कब्जेदारों के खिलाफ आवाज उठाने पर वे उनको जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। कहते हैं कि भाड़े के शूटरों से उनकी हत्या करा दी जाएगी। स्थानीय स्तर पर कार्रवाई नहीं होने से नाराज होकर मनोज नेहरा ने मानव अधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है और उनको पूरी स्थिति से अवगत कराते हुए साक्ष्य भी दिए हैं। मनोज नेहरा ने बताया कि यदि 21 नवंबर तक मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाएगा तो 22 नवंबर को आयोग के कार्यालय के सामने अनशन शुरू किया जाएगा। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे वहीं पर आत्मदाह कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेंगे। उन्होंने बताया कि 17 साल से अपने हक की लड़ाई लड़ते लड़ते अब थक गए हैं।

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