ओजोन परत पतली होने पर विज्ञानी चितित
फोटो- 19 - पर्यावरण प्रदूषण को लेकर आयोजित गोष्ठी में लोगों को चेताया जागरण संवाददाता गा
जागरण संवाददाता,गाजियाबाद : मौसम विभाग दिल्ली के अतिरिक्त महानिदेशक आनंद शर्मा ने कहा कि मानव क्रिया कलापों की वजह से ओजोन परत बहुत पतली हो गयी है, जिससे संपूर्ण मानव जाति एवं प्रकृति को खतरा है। यह बुरे संकेत हैं। बृहस्पतिवार को राजकुमार गोयल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी एवं मैनेजमेंट के सभागार में नेशनल एन्वायरन्मेंटल साइंस अकादमी (एनईएसए) और एन्वायरन्मेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन (ईएसडीए) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय गोष्ठी में उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि अगर ओजोन परत इससे अधिक पतली हो गयी तो सूर्य की हानिकारक किरणें पृथ्वी पर आएंगी और मानव जीवन को समाप्त करेंगी। अब हमें अपनी जीवन प्रणाली को बदलना होगा और सतत विकास को अपनाना होगा। एनईएसए के अध्यक्ष प्रोफेसर जावेद अहमद ने कहा उद्योगों, एयर कंडीशनर एवं रेफ्रिजरेटर से निकलने वाली क्लोरो फ्लोरो कार्बन गैस ओजोन परत को नष्ट कर रही है, जो अंटार्टिका के ऊपर काफी पतली हो गयी है। जिसका सभी जीव जंतुओं पर हानिकारक प्रभाव होंगे। ईएसडीए के महासचिव डा. जितेंद्र नागर ने दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिता व्यक्त करते हुए कहा कि गाजियाबाद अनेक बार विश्व रैंकिग में दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर में शुमार रहता है और यहां सर्दियों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच जाता है। वायु प्रदूषण में अनेक जहरीले कण होते हैं, जो सांस के साथ फेफड़ों में चले जाते हैं और दमा एवं कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म देते हैं। प्रदूषण का मुख्य कारण उद्योगों के साथ अव्यवस्थित ट्रैफिक सिस्टम है। गोष्ठी में आरकेजीआइटीएम के निदेशक डा. राकेश गोयल, प्रोफेसर उमेश चंद्रा कुलश्रेष्ठ, इग्नू से प्रोफेसर बोयीना रूपाणी, डा. डीआर सोम शेखर, डा. बृजेन्द्र पटेरिया, डा. अनीता जैन, डा. अलका रानी, डा. सूरज त्रिपाठी ने विचार व्यक्त किए।