14 लोगों की बचाई थी जान, मिला राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार

जागरण संवाददाता साहिबाबाद इंदिरापुरम में आग में फंसे 14 लोगों की जान बचाने वाले मुख्य अग्नि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 07:44 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 07:44 PM (IST)
14 लोगों की बचाई थी जान, मिला राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार
14 लोगों की बचाई थी जान, मिला राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : इंदिरापुरम में आग में फंसे 14 लोगों की जान बचाने वाले मुख्य अग्निशमन अधिकारी गाजियाबाद सुनील कुमार सिंह राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से नवाजे गए। सोमवार को विज्ञान भवन, दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मेडल व प्रमाण पत्र देकर उन्हें पुरस्कृत किया। उनकी इस उपलब्धि से पूरे देश में जिले का मान बढ़ा है। 11 मई 2019 को इंदिरापुरम की एक बहुमंजिला भवन में लगी आग में 14 लोग फंस गए थे। सूचना पर पहुंचे अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने अपनी जान जोखिम में डालकर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। उनकी वीरता की खूब सराहना हुई। वह 26 जनवरी 2020 को वीरता के लिए 'राष्ट्रपति का अग्निशमन सेवा पदक' के लिए चयनित हुए। कोरोना के कारण उस समय पुरस्कार वितरण नहीं हुआ। सोमवार को विज्ञान भवन, दिल्ली में आयोजित समारोह में उन्हें उक्त पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।

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नोएडा में पांच लोगों की बचाई थी जान : 31 जुलाई 2020 को नोएडा सेक्टर-11 में एक निर्माणाधीन भवन गिर गया था। मलबे में पांच लोग दब गए थे। गाजियाबाद के मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार सिंह पर गौतमबुद्ध नगर जिले का अतिरिक्त प्रभार था। बचाव कार्य के दौरान वह घायल हो गए। बावजूद इसके हिम्मत नहीं हारी। मलबे में दबे पांच लोगों को बाहर निकालकर उनकी जान बचाई। 15 अगस्त 2021 को वह वीरता के लिए 'राष्ट्रपति का अग्निशमन सेवा पदक' हेतु चयनित किए गए।

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और भी सराहनीय कार्य : मूलरूप से अंबेडकरनगर के सुनील कुमार सिंह को 26 जनवरी 2019 को राष्ट्रपति का दीर्घ व सराहनीय सेवा के लिए अग्निशमन सेवा पदक मिल चुका है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश और डीजीसीडी भारत सरकार के कमेंडेशन डिस्क सिल्वर मेडल से भी नवाजे जा चुके हैं। कोरोना काल में अग्निशमन विभाग की गाड़ियों से सैनिटाइजेशन कराया तो पुलिस महानिदेशक अग्निशमन सेवा ने भी उनकी सराहना की थी।

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साल - अग्निकांड - इतने लोगों की जान बची

2014 - 873 - 80

2015 - 784 - 90

2016 - 907 - 56

2017 - 1071 - 175

2018 - 1264 - 59

2019 - 1143 - 91

2020- 910 - 72

2021 - 631 - 51

नोट : 2021 का आंकड़ा 30 सितंबर तक है।

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