यति नरसिंहानंदर मामला: पुलिस को अंधेरे में रख रहे हैं शातिर जीजा-साले

आशुतोष गुप्ता गाजियाबाद मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर में बुधवार रात संदिग्ध परिस्ि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 07:57 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 07:57 PM (IST)
यति नरसिंहानंदर मामला: पुलिस को अंधेरे में रख रहे हैं शातिर जीजा-साले
यति नरसिंहानंदर मामला: पुलिस को अंधेरे में रख रहे हैं शातिर जीजा-साले

आशुतोष गुप्ता, गाजियाबाद :

मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर में बुधवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में घुसे जीजा-साले बेहद शातिर किस्म के हैं। पकड़े जाने के बाद पुलिस समेत कई एजेंसियों ने घंटों पूछताछ की लेकिन उन्होंने जुबान नहीं खोली। दोनों पुलिस को पूरी तरह से अंधेरे में रखे हुए हैं। इसके चलते पुलिस की सिरदर्दी भी बढ़ गई है।

विपुल व कासिफ बता रहे हैं कि वह मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से शास्त्रार्थ के लिए आए थे लेकिन यह कहानी पुलिस के गले नहीं उतर रही है। पुलिस ने भी अभी उन्हें क्लीन चिट नहीं दी है। यही कारण है कि पुलिस अभी इनसे पूछताछ के लिए सोमवार को कोर्ट से रिमांड मांगेगी।

जीजा-साले की कई गतिविधियां गले नहीं उतर पा रही हैं। संदिग्धों का उस समय मंदिर में प्रवेश करना जब महंत यति हवन व आरती से उठते हैं और सुरक्षा से अलग होते हैं, मंदिर के मुख्यद्वार पर लगे बोर्ड, जिसपर लिखा है कि मंदिर में मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है, को पढ़ने के बाद भी मंदिर परिसर में प्रवेश करना, मंदिर में तैनात पुलिसकर्मियों से रजिस्टर में मुस्लिम नाम छिपाकर हिदू नाम लिखवाना, दिन में मंदिर आने के बजाय देर रात मंदिर में प्रवेश करना, बैग से तीन सर्जिकल ब्लेड बरामद होना, पुलिसकर्मियों द्वारा बार-बार मंदिर में महंत नहीं होने की बात कहने के बाद भी जबरन मंदिर में घुसना, महंत यति का इंटरनेट के माध्यम से पूरा इतिहास खंगालना समेत अन्य कई ऐसे बिदू हैं जिनपर ये दोनों संदेह के घेरे में आ रहे हैं। इन सवालों का जवाब भी पुलिस अभी आरोपितों की जुबान से नहीं उगलवा पाई है। आरोपित लगातार पुलिस को रटी-रटाई कहानी सुना रहे हैं। विपुल विजयवर्गीय पूर्व में अपना धर्म बदलकर मुस्लिम धर्म अपनाकर निकाह भी कर चुका है।

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मैं मंदिर में होता तो सही-सलामत नहीं जाते आरोपित : यति नरसिंहानंद डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा है कि मैं मंदिर में होता तो दोनों सही-सलामत नहीं जाते। स्वयं की सुरक्षा करना सभी का धर्म है और मैं भी यही करता। उन्होंने कहा कि वह इस तरह के लोगों से डरेंगे नहीं बल्कि अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण में पुलिस ने जो भी कार्रवाई की है, वह उससे संतुष्ट नहीं हैं। आरोपितों की बाडी लेंग्वेज से ही लग रहा है कि वह ट्रेंड हैं।

------- जीजा-साले गए जेल, पुलिस को नहीं मिली रिमांड ------

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :

मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर में बुधवार रात घुसे दो संदिग्धों जीजा-साले को पुलिस ने शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने कोर्ट से आरोपितों की कस्टडी रिमांड के लिए अर्जी दाखिल की लेकिन कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज करते हुए उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में डासना जेल भेज दिया। अब पुलिस सोमवार को कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में दोबारा अर्जी लगाएगी। कस्टडी रिमांड मिलने के बाद पुलिस विस्तार से पूछताछ कर सकेगी। इसके बाद ही पुलिस इस मामले में किसी सही नतीजे पर पहुंचेगी।

बता दें कि बुधवार रात करीब नौ बजे दो युवक मंदिर परिसर में घुस गए थे। एक व्यक्ति ने बाहर पुलिसकर्मियों के पास रजिस्टर में अपनी एंट्री विपुल विजयवर्गीय नागपुर व दूसरे ने काशी गुप्ता सेक्टर 23 संजयनगर के नाम से कराई। भीतर जाने पर सेवादारों को दोनों पर शक हुआ और उन्होंने दोनों के बैग की तलाशी ली। बैग में तीन सर्जिकल ब्लेड व आपत्तिजनक दवाएं मिलीं। इसके बाद सेवादारों ने पुलिस को फोन किया और दोनों संदिग्धों को पुलिस के हवाले कर दिया। इस मामले में महंत के करीबी अनिल यादव ने पुलिस को तहरीर देते हुए मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद की हत्या करने का अंदेशा जताया था। काशी गुप्ता के नाम से एंट्री कर मंदिर परिसर में घुसने वाले का असली नाम कासिफ है। विपुल विजयवर्गीय व कासिफ जीजा-साले हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। बृहस्पतिवार को आइबी, एटीएस, एलआइयू समेत पुलिस व अन्य एजेंसियों ने आरोपितों से पूछताछ की थी। आरोपितो से बरामद हुए बैग में सर्जिकल ब्लेड, दवाएं, वेक्यूम थैरेपी में काम आने वाली वेक्यूम सेक्शन मशीन व धार्मिक किताबें मिली थीं। आरोपितों ने पूछताछ में बताया था कि वह मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से शास्त्रार्थ करने के लिए आए थे।

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