कोविड प्रोटोकाल की सीमा में रहकर जीती जंग
कोविड प्रोटोकाल की सीमा में रहकर कोरोना की जंग जीतने के बाद फिर से काम करने लगी हू
कोविड प्रोटोकाल की सीमा में रहकर कोरोना की जंग जीतने के बाद फिर से काम करने लगी हूं। 15 दिन के भीतर होम आइसोलेशन में रहकर स्वस्थ होने के पीछे रोज तीन बार भाप लेने और विटामिन युक्त खाने का सेवन करना है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इस दौरान बरकरार रखा। पीसीएस की परीक्षा पास करने के बाद अध्ययन के लिए पहली बार भरपूर समय मिला। कभी किताब पढ़ना तो कभी नींद लेना। इसी प्रकार होम आइसोलेशन की अवधि बीती। दवा नियमित ली और कार्यालय का संचालन भी घर से करती रहीं। 19 अप्रैल को टेस्ट कराने पर रिपोर्ट पाजिटिव आई तो खुद को होम आइसोलेट कर लिया। अलग रहने पर थोड़ा मानसिक तनाव होता है, लेकिन नकारात्मक विचारों को दरकिनार करते हुए सकारात्मक सोच के साथ 15 दिन बिताने पर कोरोना वायरस को हरा दिया। अपने आप को खाली नहीं रहने दिया। वीडियो काल से मम्मी से बातें की। अपने दोस्तों से बातें की। घर के सभी लोग जिन से कभी बात नहीं की या बहुत लंबे समय से बातें नहीं की उन सभी लोगों से बातें करके वक्त गुजारा। इस दौरान 112 पुराने सगे-संबंधियों व दोस्तों से मोबाइल पर खूब बातें की। सभी ने अलग-अलग तरीके के घर के नुस्खे आदि बताएं। सभी लोगों से बातें करके एक पाजिटिविटी और एक अलग ही एहसास होता था। कोरोना ने मुझे मेरे बहुत पुराने दोस्तों और रिश्तेदारों को और भी करीब ला दिया। जो भी खाली समय मेरे पास बचता था उसमें कुछ प्रेरणादायक किताबें पढ़ती थी। होम आइसोलेशन में काढ़ा पीने के साथ दिन की शुरूआत होती थी। एक कप काढ़ा पीना, उसके बाद भाप लेना फिर हल्का नाश्ता करना। इसके बाद दवाएं लेती थी। प्रोटीनयुक्त खाना लेती थीं। खाने में टेस्ट नहीं आता था, लेकिन फिर भी दिन में चार-पांच बार थोड़ा-थोड़ा खाना खाया। एक मई को सीटी स्कैन कराने पर रिपोर्ट ठीक आ गई। तीन मई को कार्यालय ज्वाइन कर लिया है। कोरोना से डरें नहीं सावधानी बरतें और कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए कोरोना को हराएं।
-डा. सीमा, जिला पूर्ति अधिकारी