रिपीट: कोरोना के कारण अपनों को खोने वाले सबसे ज्यादा बच्चे गाजियाबाद में
अन्य केंद्र के भी ध्यानार्थ फोटो संख्या - 14 ( फोटो संख्या कल की है) - मुख्यमंत्री ब
अन्य केंद्र के भी ध्यानार्थ
रिपीट: फोटो संख्या - 14 ( फोटो संख्या कल की है)
- मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा बच्चे गाजियाबाद में चिन्हित किए गए, दूसरे नंबर पर गोरखपुर
जासं, गाजियाबाद: कोरोना महामारी ने कई घर उजाड़ दिए। इनमें ऐसे परिवार भी हैं, जो पाश सोसायटी में रहते हैं। लेकिन परिवार में कमाने वाले शख्स की मौत के बाद आर्थिक संकट आ गया। अपनों को खोने के साथ ही बच्चों की परवरिश और शिक्षा को लेकर स्वजन चितित हो गए, उनके पास इतनी जमापूंजी नहीं थी कि बच्चों को आगे पढ़ा सकें। प्रदेश में सबसे ज्यादा इसका असर गाजियाबाद में दिखा है,जिले में अब तक 438 बच्चे ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जो मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के पात्र हैं। 200 बच्चों को चार हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से आर्थिक मदद मिलनी शुरू हो गई है। 25 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता दोनों की मौत हो गई है। उनकी मदद के लिए 25-25 हजार रुपये की एफडी कार्रवाई गई है। इनमें से आर्थिक रूप से अधिक कमजोर परिवार के दो बच्चों की एक- एक लाख रुपये की एफडी और कार्रवाई गई है, जिससे कि भविष्य में उनकी परेशानी कम हो।
केस स्टडी एक: राजनगर एक्सटेंशन निवासी सुधा कुमारी के पति विकास सिंह निजी कंपनी में कार्यरत थे। उनकी 12 मई 2021 को कोरोना की चपेट में आने से मौत हो गई थी। वह परिवार में अकेले कमाने वाले थे, ऐसे में परिवार के सामने आर्थिक संकट आ गया। बच्चों की स्कूल फीस जमा करने के साथ ही घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। लेकिन मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत जल्द ही चार हजार रुपये प्रतिमाह प्रति बच्चे के हिसाब से आर्थिक मदद मिलनी शुरू हो गई। इसके साथ ही दोनों बच्चों की स्कूल फीस भी माफ करवा दी गई है।
केस स्टडी दो: वसुंधरा निवासी गौरी कुमारी के पति सुजीत कुमार म्यूजिक टीचर थे, 15 मई 2021 को कोरोना की चपेट में आने से उनकी मृत्यु हो गई। दो बच्चों की परवरिश उनकी पढ़ाई का खर्च की चिता हुई। जिला प्रशासन की मदद से गौरी के दोनों बच्चों के चार-चार हजार रुपये प्रतिमाह मिलना शुरू हो गया है। जिस कारण परेशानी कम हुई है।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत बच्चों को चिन्हित करने वाले शीष पांच जिले
जिला चिन्हित किए गए बच्चे
गाजियाबाद 438
गोरखपुर 433
मेरठ 308
लखनऊ 300
मुजफ्फरनगर 255
शासन स्तर से दी जा रही मदद
- प्रति बच्चे को चार हजार रुपये
- 9वीं -12वीं कक्षा में पढ़ रहे विद्यार्थियों को लैपटाप दिया जाएगा
जिला प्रशासन स्तर पर मुहैया कराई जा रही मदद
- माता-पिता दोनों को खो चुके 25 बच्चों की रेडक्रास सोसायटी की मदद से 25-25 हजार रुपये की एफडी करवाई गई
- 62 बच्चियों को कन्या सुमंगला योजना के तहत लाभ दिलाया गया।
- पात्र परिवार को पारिवारिक लाभ योजना के तहत 30 हजार रुपये की एकमुश्त मदद दी गई।
- 150 परिवार को डूडा के तहत आवास दिलाने के लिए चिन्हित किया गया।
- जरूरतमंद परिवार को एनजीओ की मदद से राशन दिलाया जा रहा।
बयान
कोरोना काल में अपनों को खो चुके बच्चों को चिन्हित करने में प्रदेश में गाजियाबाद पहले नंबर पर आ गया है। प्रयास है कि ऐसे सभी बच्चों को लाभ मिल सके, शासन स्तर के साथ ही जिला प्रशासन के स्तर से भी मदद दिलाई जा रही है। बच्चों को पीएम केयर्स से भी मदद मिलेगी।
- विकास चंद्र, जिला प्रोबेशन अधिकारी।