सरकारी विभागों पर 36 करोड़ का बकाया, बिजली से दफ्तर रोशन
शाहनवाज अली गाजियाबाद उपभोक्ताओं पर पांच से 10 हजार रुपये से अधिक का बकाया हो तो विभाग
शाहनवाज अली, गाजियाबाद
उपभोक्ताओं पर पांच से 10 हजार रुपये से अधिक का बकाया हो तो विभागीय कर्मचारी बिजली काटने पहुंच जाते हैं। बात अगर सरकारी दफ्तरों की करें तो कार्रवाई के नाम पर सिर्फ रिमाइंडर भेजे जाते हैं। सरकारी कार्यालयों पर करीब 20 करोड़ और स्थानीय स्तर पर 16 करोड़ रुपये का बकाया है।
पुलिस से लेकर शिक्षा, चिकित्सा, ग्राम्य विकास, आवास व जलकल विभाग तक बिजली का बिल चुकाए बिना मुफ्त की बिजली से दफ्तर रोशन कर रहे हैं।
बिल का बकाया (लाख में)
विभाग ----- बकाया
प्राथमिक शिक्षा ------ 730.29
गृह विभाग पुलिस -- 482.98ग्राम्य विकास ---- 235.53
ग्राम पेयजल योजना समिति -------151.43
माध्यमिक शिक्षा -------- 82.63
चिकित्सा एलोपैथिक --- 48.60
सार्वजनिक स्वास्थ्य --- 28.50
कारागार --------- 27.36
उद्यान विभाग -------- 82.31
नगर विकास, ----------- 44.32
स्थानीय स्तर पर
मार्ग प्रकाश ------614.16
जलकल ------------- 804.01
नदी प्रदूषण -----------159.08
राज्य नलकूप ---- 29.13
इसके अलावा प्रशासनिक सुधार, व्यापार कर, खेल विभाग, उद्यान विभाग समेत अन्य विभाग 31 मार्च 2021 तक विद्युत निगम के लाखों रुपये के बकायेदार हैं।
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विद्युत बिल बनने के बाद विभागों को भेज दिए जाते हैं। अधिक बकाया होने पर संबंधित विभागों के मुख्य कार्यालयों को बिल भेजे गए हैं। इनमें से कई विभागों से बिल की तीन से छह माह में अदायगी होती है तो कुछ विभाग मार्च में बिल का पैसा चुकाते हैं। बकाया बिल वसूली के लिए विभागीय स्तर से कार्रवाई की जा रही है।
- पंकज श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता विद्युत वितरण निगम