लॉकडाउन काल में समय के साथ मिलती चली गई राहत
- सरकार के फैसलों को स्थानीय प्रशासन ने जिले में कराया लागू - उद्योगों बाजारों समेत अन्य व्यवसायिक गतिविधियों में दी गई छूट - प्रवासी कामगारों के लिए प्रशासन ने समय से शुरू करा दी बस सेवा --- जागरण संवाददाता गाजियाबाद कोरोना वायरस को लेकर 24 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के चार चरण पूरे होने तक लगभग 6
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :
कोरोना वायरस को लेकर 24 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के चार चरण पूरे होने तक लगभग 68 दिन में धीरे-धीरे राहत मिलती चली गई। केंद्र सरकार ने इस दौरान छूट को लेकर कई आदेश दिए। इसको लेकर राज्य सरकार ने भी एडवाइजरी जारी की। जिलों में स्थानीय प्रशासन ने जिले की स्थिति के हिसाब से अपने विवेक के अनुसार निर्णय लिए और लोगों को राहत दी। जिले में काफी संख्या में उद्योगों के साथ बाजारों के खुलने में छूट दी गई। इसके साथ ही अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को भी शुरू किया गया। प्रवासी कामगारों के लिए प्रशासन ने समय से पहल करते हुए ट्रेन व बस चलाने का निर्णय लिया और उन्हें उनके गृह जनपद रवाना किया। लॉकडाउन के चार चरणों में प्रशासन को कई सख्त और कई राहत भरे फैसले लेने पड़े।
24 मार्च को लॉकडाउन घोषित होने के बाद प्रशासन ने सबसे पहले जरूरतमंद व बेरोजगार हुए परिवारों के लिए राशन व भोजन वितरण की व्यवस्था शुरू कराई। इसके लिए कई सार्वजनिक रसोई संचालित की गई और जिन लोगों के राशन कार्ड नहीं थे, उनके राशन कार्ड बनवाए गए। सभी को शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए राशन वितरित कराया गया। इस कार्य में प्रशासन ने स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली। लॉकडाउन की शुरुआत में ही बाजारों में खाद्य सामग्री व फल, सब्जी की आवक कम न हो इसके लिए प्रशासन ने कई निर्णय लिए और करीब छह सौ से अधिक ठेली व ई-रिक्शा वालों को विभिन्न कॉलोनी, मोहल्लों में भेजकर फल व सब्जी की आपूर्ति सुनिश्चित कराई। इसके साथ ही प्रशासन ने शुरुआत में ही माल वाहकों को पास जारी किए और पर्याप्त मात्रा में खाद्यान की आवक सुनिश्चित की। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन को कई कठिन निर्णय भी लेने पड़े। इसके तहत कई क्षेत्रों को हॉट स्पॉट, कंटेनमेंट जोन घोषित कर उन्हें सील करना पड़ा। प्रशासन ने सोसायटियों समेत अन्य क्षेत्र सील करने से पहले यहां डोर स्टेप डिलीवरी की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित कर ली थी। सरकार के आदेश के बाद प्रशासन ने उद्योगों को खोलने के लिए व्यवस्था बनाई और काफी संख्या में उद्योगों को अनुमति दी गई। इसके साथ ही निर्माण कार्यों, कैब, टैक्सी, ई-रिक्शा, बसों, बाजार, शराब के ठेकों के साथ अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को छूट दी गई। जिले में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर प्रशासन को दो बार दिल्ली बॉर्डर भी सील करना पड़ा। इस पर भी लोगों का काफी विरोध रहा। इसके साथ ही कोरोना पर काबू पाने के लिए अधिक मामलों वाले क्षेत्र लोनी, खोड़ा व वैशाली क्षेत्र को भी प्रशासन ने सील किया। इसका विरोध भी प्रशासन को झेलना पड़ा। लेकिन लॉकडाउन के चार चरणों में समय के साथ-साथ माहौल बदलता गया और लोगों को राहत मिलती रही।
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कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए प्रशासन को कई सख्त और कई राहत भरे कदम उठाने पड़े। शासन के निर्देशों के अनुसार जिले में निर्णय लिए गए और एडवाइजरी जारी की गई। हमारा हर कदम लोगों की सुविधा व कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए उठाया गया।
-अजय शंकर पांडेय, जिलाधिकारी, गाजियाबाद