राहत : एमएसएमई के फंसे भुगतान की वसूली कराएगा प्रशासन
ऐसे उद्यमियों के लिए यह निश्चित रूप से राहत भरी खबर है जो माल देने के बाद काफी समय से भुगतान की समस्या से जूझ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : सूक्ष्म लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योगों के फंसे हुए भुगतान की वसूली प्रशासन भू-राजस्व की तरह कराएगा। इसके लिए शासन ने मंडल स्तर पर फैसीलिटेशन काउंसिल की स्थापना की है। पूर्व में यह व्यवस्था प्रदेश स्तर पर चल रही थी।
ऐसे उद्यमियों के लिए यह निश्चित रूप से राहत भरी खबर है, जो माल देने के बाद काफी समय से भुगतान की समस्या से जूझ रहे हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडेय ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा एमएसएमई एक्ट के तहत मंडल स्तर पर मंडलायुक्त की अध्यक्षता में फैसीलिटेशन काउंसिल की स्थापना की गई है। पूर्व में फैसीलिटेशन काउंसिल की व्यवस्था प्रदेश स्तर पर थी। यह काउंसिल प्रदेश में कार्यरत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों के भुगतान संबंधी समस्याओं तथा भुगतान की लंबित धनराशि के कारण आने वाली समस्याओं का निराकरण करेगी। बता दें कि फैसीलिटेशन काउंसिल द्वारा दिए गए निर्णय के विरुद्ध अगर कोई संस्था एमएसएमई एक्ट के अधीन अपील दायर करती है, जिस पर कोई स्थगन प्राप्त नहीं हुआ तो काउंसिल जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से अपने आदेश में दर्शायी गई। इस धनराशि को जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से भू-राजस्व की तरह वसूल करेगी। इस व्यवस्था से अब एमएसएमई इकाइयों की बकाया धनराशि कम समय में वसूली की जा सकेगी। इस नई व्यवस्था के लिए समस्त औद्योगिक संगठनों को सूचित किया गया है, ताकि एमएसएमई एक्ट के तहत किसी उद्यमी की भुगतान संबंधी समस्या का फैसीलिटेशन काउंसिल के माध्यम से निदान कराया जाए। समस्त उद्यमियों से भी यह अपील की गई कि वह प्रदेश सरकार की इस नीति का भरपूर उपयोग करते हुए लाभ उठाएं।
- बीरेंद्र कुमार, संयुक्त आयुक्त उद्योग