रिश्वत लेने के मामले में आरपीएफ इंस्पेक्टर को सात साल की कैद

विशेष सीबीआइ कोर्ट के जज अमितवीर सिंह की अदालत में आरपीएफ इंस्पेक्टर द्वारा रिश्वत लेने के मामले शुक्रवार को सजा सुनाई गई। मामले में दोषी आरपीएफ इंस्पेक्टर जी. हसन को सीबीआइ ने वेंडर से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। विशेष सीबीआइ कोर्ट के जज अमितवीर सिंह की अदालत में आरपीएफ इंस्पेक्टर द्वारा रिश्वत लेने के मामले शुक्रवार को सजा सुनाई गई। मामले में दोषी आरपीएफ इंस्पेक्टर जी. हसन को सीबीआइ ने वेंडर से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 May 2019 11:27 PM (IST) Updated:Fri, 24 May 2019 11:27 PM (IST)
रिश्वत लेने के मामले में आरपीएफ इंस्पेक्टर को सात साल की कैद
रिश्वत लेने के मामले में आरपीएफ इंस्पेक्टर को सात साल की कैद

जासं, गाजियाबाद : विशेष सीबीआइ कोर्ट के जज अमितवीर सिंह की अदालत में रिश्वत लेने के मामले शुक्रवार को आरपीएफ इंस्पेक्टर को सात साल कैद की सजा सुनाई। मामले में दोषी आरपीएफ इंस्पेक्टर जी. हसन को सीबीआइ ने वेंडर से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।

वर्ष 10 अक्टूबर 2014 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 11 पर वेंडर ठेकेदार अरुण मिश्रा से आठ हजार की रिश्वत लेते हुए आरपीएफ इंस्पेक्टर जी.हसन को सीबीआइ की एंटी करप्शन शाखा ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया था और जेल भेज दिया था। दादरी स्टेशन पर वेंडर ठेकेदार अरुण मिश्रा से आरपीएफ इंस्पेक्टर जी. हसन साढ़े 17 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था। वह कुछ साल पहले दादरी स्टेशन पर ही तैनात रहा था। गिरफ्तारी के समय वह टूंडला स्टेशन पर तैनात था। वादी अरुण ने सीबीआइ टीम से शिकायत की थी कि आरोपित उससे कहता था कि टूंडला से दादरी तक का इलाका उसी के अंडर में आता है और ढाई हजार रुपये महीने के हिसाब से ने साढ़े 17 हजार रुपये मांगे। वादी अरुण मिश्रा द्वारा शिकायत करने के बाद जी.हसन को नई दिल्ली स्थित प्लेटफार्म नंबर 11 पर बुलाया और उसे आठ हजार रुपये दिए। शेष रकम अरुण ने बाद में देने के लिए कहा। इसी दौरान सीबीआइ की एंटी करप्शन टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने आरपीएफ इंस्पेक्टर जी.हसन को सात साल की कैद और 30 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।

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