राजनगर एक्सटेंशन में सेवानिवृत दारोगा का शव मिला, हत्या का आरोप

जागरण संवाददाता गाजियाबाद राजनगर एक्सटेंशन में परिवर्तन स्कूल के पास मुख्य मार्ग से आधा किमी अंदर शनिवार सुबह यूपी पुलिस के सेवानिवृत दारोगा का शव मिलने से हड़कंप मच गया। पुलिस के मुताबिक शव के पास ही स्कूटी तमंचा सुसाइड नोट और सल्फास की शीशी मिली है जबकि उनका मोबाइल घर पर ही था। सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं परेशान हो गया हूं। अब अपना शरीर त्याग रहा हूं। परिवार के सदस्यों से माफी मांगते हुए लिखा गया है कि इसका जिम्मेदार मैं खुद हूं। मुझे मुकदमाबाजी नहीं चाहिए। स्वजन ने हत्या का आरोप लगाया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 08:51 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 08:51 PM (IST)
राजनगर एक्सटेंशन में सेवानिवृत दारोगा का शव मिला, हत्या का आरोप
राजनगर एक्सटेंशन में सेवानिवृत दारोगा का शव मिला, हत्या का आरोप

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: राजनगर एक्सटेंशन में परिवर्तन स्कूल के पास मुख्य मार्ग से आधा किमी अंदर शनिवार सुबह यूपी पुलिस के सेवानिवृत दारोगा का शव मिलने से हड़कंप मच गया। पुलिस के मुताबिक शव के पास ही स्कूटी, तमंचा, सुसाइड नोट और सल्फास की शीशी मिली है, जबकि उनका मोबाइल घर पर ही था। सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं परेशान हो गया हूं। अब अपना शरीर त्याग रहा हूं। परिवार के सदस्यों से माफी मांगते हुए लिखा गया है कि इसका जिम्मेदार मैं खुद हूं। मुझे मुकदमाबाजी नहीं चाहिए। स्वजन ने हत्या का आरोप लगाया है। आत्महत्या की आशंका : एसएचओ नंदग्राम अमित कुमार ने बताया कि शव की सूचना सुबह 10 बजे मिली थी। पुलिस पहुंची तो मृतक की पहचान महेश सिंह चौहान (63) के रूप में हुई, जो दारोगा के पद से मई 2018 में सेवानिवृत हुए थे। हाथरस के सिकंदरा राउ में केशवपुर गांव के मूल निवासी महेश वर्तमान में पत्नी अलका के साथ साहिबाबाद के राजेंद्रनगर स्थित फ्लैट में रहते थे। उनका एक मकान मेरठ में मेडिकल कालेज के पास भी है। महेश तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके दोनों भाई सुरेश सिंह और जितेंद्र सिंह भी इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत हैं। एसएचओ के मुताबिक, महेश के मुंह से झाग निकल रहा था। हाथ में भी चोट थी। आशंका जताई जा रही है कि शुक्रवार रात को महेश स्कूटी से यहां आए। पहले तमंचे से खुद को मारने की कोशिश की। मिस फायर होने पर उन्होंने सल्फास खाकर जान दे दी। पोस्टमार्टम करने वाली टीम के मुताबिक महेश के होंठ व नाखून नीले पड़ चुके थे। ऐसा प्रतीत होता है कि महेश ने अधिक मात्रा में जहरीला पदार्थ लिया है। हालांकि मौत की वजह स्पष्ट न होने के कारण विसरा सुरक्षित किया गया है, जिसे जांच के लिए भेजा जाएगा। चल रहा था मुठभेड़ का केस : पुलिस के मुताबिक महेश मेरठ में तैनाती ने दौरान साल 1994 में हुई एक मुठभेड़ में शामिल थे। इसका केस सीबीआइ कोर्ट में चल रहा है। वहीं भाई की मौत की खबर मिलते ही घटनास्थल पहुंचे सुरेश का कहना था कि केस को लेकर महेश परेशान नहीं थे। उन्होंने बताया कि महेश की दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। अब वह पत्नी के साथ जीवन व्यतीत कर रहे थे। आत्महत्या की कोई वजह नहीं पता चल रही है। सुरेश के मुताबिक शुक्रवार शाम को महेश उनके घर आए थे। उस समय भी ऐसा नहीं लग रहा था कि महेश ऐसा कुछ कर सकते हैं। सुरेश का कहना है कि सुसाइड नोट की लिखावट महेश जैसी ही है, लेकिन कई बिदु हत्या की ओर इशारा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महेश के साथ बल प्रयोग के पर्याप्त साक्ष्य घटनास्थल पर मिले हैं। सुसाइड नोट में सबसे नीचे महेश सिंह लिखा है, जबकि वह हमेशा पूरा नाम या महेश चौहान लिखते थे। स्कूटी रोड पर थी और शव नाले के बाद खेत में मिला। यदि आत्महत्या करनी थी तो स्कूटी के पास ही सल्फास खाते।

वर्जन.. स्वजन ने कोई शिकायत नहीं दी है। सुसाइड नोट की लिखावट का मिलान कराएंगे। विसरा जांच और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

- पवन कुमार, एसएसपी।

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