कुत्ते के काटने की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी

फोटो 25 एसबीडी 15 - कौशांबी में जीबीएम के दौरान समस्या पर निगम व पीएफए के खिलाफ जाहिर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 09:27 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 09:27 PM (IST)
कुत्ते के काटने की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
कुत्ते के काटने की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी

फोटो 25 एसबीडी 15

- कौशांबी में जीबीएम के दौरान समस्या पर निगम व पीएफए के खिलाफ जाहिर की नाराजगी

- कारवा की ओर से कुत्तों की समस्या पर काम न करने पर जिलाधिकारी व नगर आयुक्त को लीगल नोटिस

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :

कौशांबी अपार्टमेंट रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (कारवा) की रविवार को आम सभा बैठक (जीबीएम) की गई। बैठक में लोगों ने कुत्ते के काटने की समस्या पर काम न करने पर नगर निगम और पीपल फार एनिमल (पीएफए) के खिलाफ रोष व्यक्त किया। लोगों ने कारवा के फंड से दोनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने के की तरफदारी भी की। वहीं, कारवा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वकील से जिलाधिकारी और नगर आयुक्त को कुत्तों की समस्या पर लीगल नोटिस भेजा गया है।

कारवा अध्यक्ष वीके मित्तल का कहना है कि लीगल नोटिस में कहा गया है कि कौशांबी में कुत्तों की संख्या बढ़ रही है। कुत्ते आए दिन लोगों को काट रहे हैं। नगर निगम कि पत्र व मेल भेजकर कुत्तों के बंध्याकरण व टीकाकरण की मांग की गई। आरटीआइ डाली गई। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरटीआइ का जवाब भी नहीं दिया गया।

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जीबीएम बुलाई गई :

कारवा की रविवार को जीबीएम हुई। वीके मित्तल के मुताबिक जीबीएम में करीब 50 लोग पहुंचे। सभी ने कुत्तों की समस्या पर एकजुटता दिखाई। लोगों ने पीएफए और नगर निगम के खिलाफ रोष व्यक्त किया। लोगों ने कहा कि कारवा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में नगर निगम और पीएफए के खिलाफ याचिका दायर करें। जरूरत पड़ने पर कारवा के खाते से पांच से छह लाख रुपये और ले सकते हैं।

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आरटीआइ में पूछे गए सवाल :

वीके वीके मित्तल का कहना है कि कौशांबी में कुत्ते लोगों को काटने के लिए दौड़ते हैं। कई लोगों को कुत्ते काट भी चुके हैं। शिकायतों के बाद भी नगर निगम व पीएफए की ओर से कोई कार्रवाई नही की जाती है। आरोप है कि पीएफए के कार्यकर्ता सही से बात तक नहीं करते। आरटीआइ में पूछा गया है कि कौशांबी में कितने आवारा कुत्ते हैं, जिनकी पहचान की गई है? सुबूत के साथ बताएं कि एक साल में कितने आवारा कुत्तों का बंध्याकरण किया गया? क्या पीएफए के आपरेशन रूम में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे साबित हो कि कुत्तों का बंध्याकरण किया गया, पिछले एक साल में जांच की गई है? क्या पीएफए के पास पशु चिकित्सक हैं? एक साल में आवारा कुत्तों के बंध्याकरण के लिए पीएफए को कितने रुपये दिए गए है? इस तरह के अन्य कई सवाल पूछे गए हैं, जिनका अभी तक जवाब नहीं मिला है।

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