बुलंदशहर औद्योगिक क्षेत्र की सड़क में गड्ढ़े, उड़ रही धूल

शाहनवाज अली गाजियाबाद उद्योग नगरी में सबसे पहले विकसित हुए बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र ब

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 08:08 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 08:08 PM (IST)
बुलंदशहर औद्योगिक क्षेत्र की सड़क में गड्ढ़े, उड़ रही धूल
बुलंदशहर औद्योगिक क्षेत्र की सड़क में गड्ढ़े, उड़ रही धूल

शाहनवाज अली, गाजियाबाद

उद्योग नगरी में सबसे पहले विकसित हुए बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र बदहाल है। यहां की दो, तीन, चार व पांच नंबर की सड़कों पर गहरे गड्ढे हैं और बाकी पर धूल उड़ रही है। त्योहारी सीजन में इकाइयों तक कामगारों, उद्यमी और मालवाहक वाहनों न पहुंचने से कच्चे व तैयार माल का संकट खड़ा हो गया है। स्ट्रीट लाइट न होने से अंधेरे में महिला कामगार अधिक परेशानी में हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने इस औद्योगिक क्षेत्र को 714 एकड़ में विकसित किया था। यहां 800 से अधिक छोटी-बड़ी इकाइयां हैं, जिनमें 30 हजार से अधिक महिला-पुरुष कामगार कार्यरत हैं और प्रतिदिन ढाई से तीन हजार वाहन माल लाने व ले जाने में लगे हैं। यहां सड़कों का आलम देखेंगे तो अपने वाहन को मंजिल की फिक्र छोड़ वापस चल देंगे। यहां सड़कें गहरे गड्ढ़ों और जल निकासी न होने पर कई जगह दलदल में बदल चुकी है तो कई मार्गों पर धूल उड़ रही है। त्योहारी सीजन है और कई इकाइयों तक तैयार व कच्चा माल न पहुंचने से बंदी का संकट खड़ा हो गया है। उद्यमी स्थानीय प्रशासन से लेकर विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री को ट्वीट कर चुके, लेकिन हाल जस के तस हैं।

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- बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र एक नजर में.. क्षेत्रफल - 714 एकड़

इकाइयों की संख्या - करीब 800

कामगारों की संख्या - 30 हजार

महिला कामगार - करीब 3500

निर्यातक इकाइयों की संख्या - 27

निर्यात होने वाले उत्पाद - आयरन एंड स्टील, गारमेंट्स, हार्डवेयर और मशीनरी

प्रतिदिन आने-जाने वाले वाहनों की संख्या - करीब 2500

खाद्य पदार्थ उत्पादक इकाई - 14

रखरखाव की जिम्मेदारी - नगर निगम

प्रति वर्ष हाउस टैक्स - करीब तीन करोड़ रुपये

अन्य टैक्स - करोड़ों में

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यहां से नगर निगम को करोड़ों का टैक्स जाता है, लेकिन सुविधा के नाम पर न स्ट्रीट लाइट हैं न सड़क बनाने के लिए पैसा। यहां यूपीसीडा ने नौ एकड़ में बीयर पार्क विकसित किया था, जिसमें निगम ने कूड़ा डालना शुरू कर दिया।

- अनिल गुप्ता, महासचिव गाजियाबाद इंडस्ट्रीज फेडरेशन

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इकाइयों में आने-जाने वाले कामगारों को अपनी-अपनी फैक्ट्री तक पहुंचने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। सड़कें खराब होने की वजह से सवारी वाहन यहां तक नहीं पहुंच पाते। दोपहिया वाहन भी बमुश्किल पहुंचते हैं।

- सुनील गोयल, उद्यमी

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यहां सड़कों में गहरे गड्ढे हैं। स्ट्रीट लाइट 80 फीसद खराब हैं। काम से लौटते कामगारों को शाम के समय अंधेरे और खराब सड़कों से गुजरना पड़ता है। महिला कामगारों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।

- पारस बाटला, उद्यमी

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यहां इकाइयों से माल तैयार कर सप्लाई किया जाता है। ग्राहक यहां आने के लिए कहते हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली के होटल में ठहराकर, उनसे बात करना मजबूती बन गई है। यहां आने वालों के दिमाग में गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश और भारत की क्या तस्वीर बनेगी।

- सतीश मित्तल, उद्यमी

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सड़क संख्या चार पर दोनों ओर बड़ी संख्या में ट्रक व ट्राले खड़े किए जाते हैं। इनके बीच से गुजरने वाली महिला कामगारों के साथ अभद्रता की जाती है। दो-दो मंजिला झुग्गियां हैं, जिनमें नशे का कारोबार और अवैध धंधे हो रहे हैं। फैक्ट्रियों में चोरियां बढ़ी हैं।

- अंकुर अग्रवाल, उद्यमी

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जिस औद्योगिक क्षेत्र से जितना कर वसूला जाता है, वहां 60 फीसद विकास पर खर्च किया जाता है। यहां सड़क निर्माण और गड्ढे भरने का काम किया जा रहा है। काफी काम हम करा भी चुके हैं।

- महेंद्र सिंह तंवर, नगर आयुक्त

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बुलंदशहर औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम को हैंडओवर किया जा चुका है। इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जल्द ही एक बैठक आयोजित होगी, जिसमें औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों के साथ ही यहां विकास को लेकर निगम व यूपीसीडा के अधिकारियों की मौजूदगी में निर्णय लिया जाएगा।

- राकेश झा, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीसीडा

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