जीडीए की तहरीर पर पुलिस ने दर्ज नहीं किया 16 बिल्डरों पर मुकदमा
जीडीए की तहरीर पर साहिबाबाद थाना पुलिस अवैध निर्माण कर रहे बिल्डरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कर रही। इस रवैये से खफा होकर जीडीए के अधिकारियों ने आरोपित बिल्डरों की सूची समेत शिकायत एसएसपी को भेजी है। उसमें इन बिल्डरों के खिलाफ जल्द मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। इस सूची में राजेंद्रनगर में अवैध निर्माण करने वाले बिल्डरों के नाम सबसे ज्यादा हैं।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जीडीए की तहरीर पर साहिबाबाद थाना पुलिस अवैध निर्माण कर रहे बिल्डरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कर रही। इस रवैये से खफा होकर जीडीए के अधिकारियों ने आरोपित बिल्डरों की सूची समेत शिकायत एसएसपी को भेजी है। उसमें इन बिल्डरों के खिलाफ जल्द मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। इस सूची में राजेंद्रनगर में अवैध निर्माण करने वाले बिल्डरों के नाम सबसे ज्यादा हैं।
जीडीए सचिव संतोष कुमार राय ने बताया कि अगस्त से अब तक राजेंद्रनगर सेक्टर-2, सेक्टर-3 और सेक्टर-5 में अवैध निर्माण करने वाले 13 बिल्डरों के खिलाफ साहिबाबा थाने में तहरीर दी गई थी। श्याम पार्क मेन, राधेश्याम पार्क और नवीन पार्क में गलत तरीके से भवन बनाने वाले एक-एक बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर दी थी। जीडीए सचिव का आरोप है कि इनमें से एक भी बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। जिससे बिल्डरों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। जीडीए की सीलिग की कार्रवाई के बावजूद वे अवैध निर्माण जारी रखे हुए हैं। उन्होंने बताया कि इन कॉलोनियों में बिल्डरों ने चार से छह फ्लैट बनाने का ही नक्शा पास कराया है। उसकी जगह 14 से 24 फ्लैट बना रहे हैं। लोगों को गुमराह करके उन्हें बेच रहे हैं। इससे भविष्य में उन्हें दिक्कत आ सकती है। एसएसपी से इन बिल्डरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गई है।
बिल्डरों की पैरवी करने पहुंचे जीडीए बोर्ड सदस्य
राजेंद्रनगर में अवैध निर्माण के खिलाफ जीडीए लगातार कार्रवाई कर रहा है। बिल्डरों के खिलाफ थाने में तहरीर दी जा रही है। उधर, जीडीए बोर्ड इन बिल्डरों की पैरवी कर रहे हैं। सोमवार को बोर्ड सदस्य आसिफ खान, सचिन डागर, हिमांशु मित्तल इस मामले को लेकर जीडीए वीसी से मिले। उनके साथ बोर्ड सदस्य कृष्णा त्यागी के पति वीरेंद्र त्यागी भी साथ थे। इन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से निवेशकों का नुकसान हो रहा है। ऐसा रास्ता निकाला जाए कि उनका नुकसान न हो। वीसी ने साफ कर दिया कि बिल्डर अवैध फ्लैट तोड़ कर स्वीकृत नक्शे के अनुसार निर्माण को तैयार हो जाएं तो सील हटा दी जाएगी।