नेहरूनगर में ग्रुप हाउसिग बनने का रास्ता साफ

नेहरूनगर में गोदाम तोड़ कर ग्रुप हाउसिग बनाने के लिए रास्ता साफ हो गया है। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि 2012 में बोर्ड बैठक में गोदाम की जमीन को आवासीय में परिवर्तित किया जा चुका है। इसी महीने प्रस्तावित बोर्ड बैठक में सदस्यों को अवगत कराया दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 08:33 PM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 08:33 PM (IST)
नेहरूनगर में ग्रुप हाउसिग बनने का रास्ता साफ
नेहरूनगर में ग्रुप हाउसिग बनने का रास्ता साफ

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : नेहरूनगर में गोदाम तोड़कर ग्रुप हाउसिग बनाने के लिए रास्ता साफ हो गया है। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि 2012 में बोर्ड बैठक में गोदाम की जमीन को आवासीय में परिवर्तित किया जा चुका है। इसी महीने प्रस्तावित बोर्ड बैठक में सदस्यों को अवगत कराया दिया जाएगा।

जवाहरलाल नेहरू क्रिकेट स्टेडियम के पास 11500 वर्ग मीटर भूमि में जीडीए का गोदाम बना हुआ है। डेढ़ दशक पहले तक जीडीए अपने स्तर पर निर्माण कार्य कराता था। तब गोदाम में सीमेंट, पाइप समेत निर्माण उपयोगी सामग्री खरीद कर रखी जाती थी। अब सभी निर्माण कार्य ठेके के माध्यम से कराए जाते हैं। जिस कारण गोदाम की उपयोगिता खत्म हो चुकी है। पिछले दिनों मंथन किया गया कि गोदाम को तोड़ कर ग्रुप हाउसिग बना दी जाए। कुछ छोटे प्लॉट भी काट दिए जाएं। इस प्रस्ताव को जीडीए बोर्ड बैठक में रखा गया था। वहां एनसीआर सेल के कोऑर्डिनेटर प्लानर एससी गौड़ ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी। अवगत कराया था कि 1981 में बने पहले मास्टरप्लान में इस भूमि का उपयोग हरित क्षेत्र था। बाद में भले ही दो बार मास्टरप्लान में इस भूमि का उपयोग गोदाम हो गया। लेकिन मूल भू-उपयोग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वह हमेशा मान्य रहता है। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि इस प्रकरण से जुड़ी पुरानी फाइलें तलाशी गईं। उसमें पाया कि वर्ष 2012 में हुई बोर्ड बैठक में गोदाम की जमीन का उपयोग परिवर्तित कर आवासीय करने की संस्तुति की जा चुकी है। तभी इसका भू-उपयोग बदला जा चुका है। इस बारे में बोर्ड सदस्यों को अवगत करा दिया जाएगा।

chat bot
आपका साथी