हत्यारोपित को घर से बुलाकर गोलियों से भूना

जागरण संवाददाता मोदीनगर डेढ़ साल पहले हुए दीपेंद्र हत्याकांड में नामजद आरोपी अक्षय चौधरी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Aug 2020 10:41 PM (IST) Updated:Tue, 25 Aug 2020 06:09 AM (IST)
हत्यारोपित को घर से बुलाकर गोलियों से भूना
हत्यारोपित को घर से बुलाकर गोलियों से भूना

जागरण संवाददाता, मोदीनगर: डेढ़ साल पहले हुए दीपेंद्र हत्याकांड में नामजद आरोपी अक्षय चौधरी को घर से बुलाकर बाइक सवार बदमाशों ने उसे गोलियों से भून डाला। अक्षय तीन माह पहले ही इलाज के लिए कोर्ट से जमानत पर आया था। सोमवार रात आठ बजे बदमाशों ने उसे घर के बाहर बुलाकर तीन गोलियां मारीं। स्वजन उसे निजी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने अक्षय को मृत घोषित कर दिया। आक्रोशित स्वजन ने दिल्ली-मेरठ हाईवे पर प्रदर्शन करते हुए जाम लगाया। एसपी देहात नीरज कुमार जादौन, सीओ मोदीनगर सुनील कुमार सिंह और मोदीनगर कोतवाल जयकरण सिंह ने आसपास के थानों की फोर्स के साथ बमुश्किल हालात को काबू किया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

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इलाज को जमानत पर छूटा था

मोदीनगर के तिबड़ा रोड का रहने वाला अक्षय चौधरी 17 अप्रैल 2019 को वहीं के दीपेंद्र की गोली मारकर हुई हत्या के मामले में नामजद था। दीपेंद्र की हत्या के मामले में पुलिस ने अक्षय व उसके भाई सनी समेत अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वारदात में अक्षय को भी गोली लगी थी। उसका कुछ दिन पुलिस अभिरक्षा में इलाज चला था। तीन माह पूर्व इलाज के लिए ही उसे कोर्ट ने जमानत पर रिहा किया था। अक्षय का भाई सनी अभी भी जेल में है। अक्षय चौधरी का 22 अगस्त को जन्मदिन था, जिसे उसने घर पर ही मनाया था। सोमवार रात वह घर पर था। तभी किसी अज्ञात व्यक्ति का फोन उसके पास आया। अक्षय घर से बाहर निकला इसी बीच बाइक पर आए दो युवकों ने उस पर हमला बोल दिया।

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बाइक से आए, कार से फरार हुए

अक्षय की हत्या के लिए बाइक सवारों के अलावा एक कार भी आई थी। हमले के बाद बाइक सवार आरोपित भागे, लेकिन आगे पकड़े जाने का खतरा देख बाइक छोड़ दी और कार में बैठकर फरार हो गए। पुलिस ने बाइक बरामद कर ली है। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। पुलिस ने अक्षय का मोबाइल कब्जे में ले लिया है।

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..कैंटीन के विवाद में दो की चली गई जान

अक्षय और दीपेंद्र की हत्या के पीछे का विवाद एक कैंटीन को लेकर शुरू हुआ था। दीपेंद्र की एक देसी शराब के ठेके के पास कैंटीन थी। अक्षय के पिता जितेंद्र ने भी पास में कैंटीन खोल ली थी। इस पर दोनों पक्षों में विवाद हुआ, जिसके बाद दीपेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

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