अब ओपीडी में मोबाइल बंद कर देनी होगी ड्यूटी

अब ओपीडी में ड्यूटी देने वाले चिकित्सकों को मोबाइल बंद कर अथवा साइलेंट कर ही मरीजों को देखना होगा। स्टाफ नर्स फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वाय को भी मोबाइल बंद करके ही ड्यूटी करनी होगी। सीएमएस डा.अनुराग भार्गव ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। तीन दिन लगातार गोपनीय निरीक्षण के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 07:34 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 07:34 PM (IST)
अब ओपीडी में मोबाइल बंद कर देनी होगी ड्यूटी
अब ओपीडी में मोबाइल बंद कर देनी होगी ड्यूटी

मदन पांचाल, गाजियाबाद : अब ओपीडी में ड्यूटी देने वाले चिकित्सकों को मोबाइल बंद कर अथवा साइलेंट कर ही मरीजों को देखना होगा। स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वाय को भी मोबाइल बंद करके ही ड्यूटी करनी होगी। सीएमएस डा.अनुराग भार्गव ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। तीन दिन लगातार गोपनीय निरीक्षण के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है।

उन्होंने बताया कि ओपीडी में अधिकांश चिकित्सक और स्टाफ मोबाइल पर बात करते-करते ही मरीजों को देखते हैं। कई चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी मोबाइल पर गेम खेलते हुए भी मिले हैं। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उन्होंने ओपीडी कक्षों के निरीक्षण में पाया कि मरीजों की लंबी कतार लगी रहती है और स्टाफ मोबाइल गेम खेलने के अलावा मूवी देखते रहते हैं। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड रूम के साथ ही पैथोलाजी लैब में कार्यरत स्टाफ भी मोबाइल पर घंटों मूवी देखते रहते हैं। इमरजेंसी में भी यही हाल है। निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर सीएमएस ने आदेश जारी किया है कि ओपीडी में कार्यरत प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी सुबह आठ बजे से दो बजे तक मोबाइल का उपयोग नहीं करेगा। इमरजेंसी में दूसरे स्टाफ का वैकल्पिक इंतजाम करने के बाद ही ओपीडी कक्ष से बाहर निकलकर मोबाइल का उपयोग किया जा सकेगा। इस आदेश के बाद अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों में खलबली मच गई हैं।

खराब कैमरे कराए गए ठीक : अस्पताल परिसर में लगाए गए सभी कैमरों को ठीक करा दिया गया है। 20 के सापेक्ष 10 खराब पड़े थे। इमरजेंसी में पल-पल की गतिविधियों पर निगरानी के लिए एक अतिरिक्त चिकित्सक की ड्यूटी लगा दी गई है। डेंगू वार्ड और सारी वार्ड के मरीजों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए स्टाफ नर्स कुसुम को नामित किया गया है।

ओपीडी में आते हैं दो हजार से अधिक मरीज : ओपीडी में रोज दो हजार से अधिक मरीज आते हैं। एक हजार मरीज पुराने भी दूसरी बार इलाज कराने आते हैं। वर्तमान में 104 मरीज भर्ती हैं और इमरजेंसी में 50 से अधिक मरीज रोज आते हैं। कुछ को भर्ती कर लिया जाता है तो कुछ को हालत खराब होने पर रेफर कर दिया जाता है।

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