सहकारी समितियों में रहने वाले लोगों के आशियाने पर खतरा
आवास विकास परिषद (आविप) की वसुंधरा योजना की सहकारी समितियों में रहने वाले लोगों के आशियाने पर खतरा मंडरा रहा है। आविप ने उन सोसायटीज के सचिवों को नोटिस जारी किया है जिनमें 60 फीसद से कम फ्लैटों की रजिस्ट्री हुई है। परिषद का इन सहकारी समितियों में करोड़ों रुपये का बकाया बताया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, वसुंधरा: आवास विकास परिषद (आविप) की वसुंधरा योजना की सहकारी समितियों में रहने वाले लोगों के आशियाने पर खतरा मंडरा रहा है। आविप ने उन सोसायटीज के सचिवों को नोटिस जारी किया है, जिनमें 60 फीसद से कम फ्लैटों की रजिस्ट्री हुई है। परिषद का इन सहकारी समितियों पर करोड़ों रुपये का बकाया बताया जा रहा है।
सहकारी आवास समिति रजिस्टर्ड कराकर कुल 12 समितियों ने वसुंधरा योजना में जमीन लेकर फ्लैट बनाए थे। इन समितियों ने शुरुआत में करीब बीस फीसद राशि जमा कराई और शेष राशि रजिस्ट्री के लिए लंबित छोड़ दी। इसके बाद ज्यादातर सोसायटी के फ्लैट धारकों ने रजिस्ट्री ही नहीं करवाई। परिषद लगातार इनसे बकाया वसूलने और रजिस्ट्री करवाने के लिए कहता रहा लेकिन लोगों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। अब परिषद ने यूपी रेरा एक्ट के तहत सहकारी समितियों के सचिवों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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पदाधिकारियों को जाना पड़ सकता है जेल: परिषद ने सोसायटी के सचिवों को जो नोटिस भेजा है। उसके अनुसार अगर कोई सोसायटी जवाब देने में असफल रहती है तो समिति के पदाधिकारियों को जेल जाना पड़ सकता है। अथवा समिति को सोसायटी की निर्माण लागत की दस फीसद रकम परिषद को जमा करवानी होगी। नोटिस भेजे जाने के बाद लोगों के आशियाने पर खतरा मंडरा रहा है। लोग परेशान होकर कानूनी सलाह ले रहे हैं। साथ ही वे परिषद कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। वसुंधरा सेक्टर चार, छह, दस और 12 में ये सहकारी समितियां बनी हुई हैं।
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सहकारी समितियों कों यूपी रेरा एक्ट के तहत रजिस्ट्री करवाने के लिए नोटिस जारी किया है। समिति के सचिव से जवाब मांगा गया है। अगर नियमों का उल्लंघन होता है तो परिषद कार्रवाई करेगा।
- अतुल कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता