डॉक्टर-काउंसलर नहीं, बाउंसर कर रहे नशा मुक्ति केंद्र में इलाज

फोटो एसबीडी 5 अजय सक्सेना साहिबाबाद ट्रांस हिडन क्षेत्र में अधिकांश नशा मुक्ति केंद्र मानक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:43 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 07:43 PM (IST)
डॉक्टर-काउंसलर नहीं, बाउंसर कर रहे नशा मुक्ति केंद्र में इलाज
डॉक्टर-काउंसलर नहीं, बाउंसर कर रहे नशा मुक्ति केंद्र में इलाज

फोटो एसबीडी 5

अजय सक्सेना, साहिबाबाद : ट्रांस हिडन क्षेत्र में अधिकांश नशा मुक्ति केंद्र मानकों को ताक पर रख कर डॉक्टर-काउंसलर नहीं बाउंसरों के सहारे संचालित हो रहे हैं। जहां दाखिल रोगियों के साथ मारपीट कर नशा छुड़ाया जाता है। आरोप है कि मारपीट से परेशान होकर रोगी भाग जाते हैं। इन नशा मुक्ति केंद्रों के पास न तो लाइसेंस है और न ही स्वास्थ्य विभाग से मिली मान्यता। ऐसे में नशा मुक्ति केंद्र अपराध का गढ़ बनते जा रहे हैं।

-- क्या हैं मानक : नशा मुक्ति केंद्र के संचालन के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। राज्य सरकार के मद्य निषेध विभाग से रजिस्ट्रेशन प्राप्त होना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग व जिलाधिकारी को सूचित करना चाहिए, तभी नशा मुक्ति केंद्र को सही माना जाता है। लेकिन ट्रांस हिडन और लोनी के ज्यादातर नशा मुक्ति केंद्रों के पास मान्यता ही नहीं है।

-- नहीं हैं काउंसलर : नशा मुक्ति केंद्र में मरीजों के रहने के लिए साफ कमरे, चेकअप करने के लिए डॉक्टर, मन से नशे की लत निकालने के लिए काउंसलर और डॉक्टर के साथ वार्ड ब्वॉय होना चाहिए। लेकिन नशा मुक्ति केंद्रों में अव्यवस्थाओं का अंबार है। एक ही कमरे में कई रोगियों को रखा जाता है। नशा छुड़ाने के लिए उन्हें फर्श पर लिटाया जाता है। वे उन्हें लंबे समय तक कमरे में बंद रखते हैं। रोगी के विरोध करने पर केंद्र के बाउंसर उनकी पिटाई करते हैं। उन्हें तरह-तरह की यातनाएं देते हैं। -- नशा छुड़ाने को नशे का सहारा : सूत्रों की मानें तो नशा मुक्ति केंद्र के संचालक लोगों का नशा छुड़वाने के लिए उन्हें खाने में कुछ गोलियां देते हैं। जिसे खाने से रोगी का अधिकतर समय सोने में गुजरता है। संचालकों पर नशे की गोलियां देने के आरोप भी लग चुके हैं।

-- क्या कहते हैं अधिकारी : जिले में तीन से चार नशा मुक्ति केंद्रों को छोड़ अन्य गलत मानकों से संचालित हो रहे हैं। समय-समय पर उन्हें नोटिस भेजा जाता है। लेकिन वे एक स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर नाम बदल कर केंद्र खोल लेते हैं। - राम लोटन राजवंशी, क्षेत्रीय मद्य निषेध एवं समाज उत्थान अधिकारी, मेरठ रेंज

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