पांच साल में नहीं हुआ समस्या समाधान, रोड किया जाम

संवाद सहयोगी लोनी आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के खिलाफ पांच साल से धरने प

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 07:16 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 07:16 PM (IST)
पांच साल में नहीं हुआ समस्या समाधान, रोड किया जाम
पांच साल में नहीं हुआ समस्या समाधान, रोड किया जाम

संवाद सहयोगी, लोनी : आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के खिलाफ पांच साल से धरने पर बैठे मंडोला समेत छह गांव के लोगों ने मांग पूरी न होने पर बृहस्पतिवार को दिल्ली सहारनपुर रोड जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने उपजिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपकर चुनाव आचार संहिता से पहले समस्या का समाधान कराने की मांग की है। वर्ष 2009-10 में आवास विकास परिषद की मंडोला विहार आवासीय योजना के लिए मंडोला, नानू, पंचलोक, अगरोला, नवादा और मिलक बामला की 2640 एकड़ भूमि अधिग्रहित की थी। लोग बढ़ी दर पर मुआवजे की मांग लेकर दो दिसंबर 2016 को धरना पर हैं। बृहस्पतिवार को पांच वर्ष पूरे होने के बावजूद समस्या का समाधान न होने से गुस्साए लोग धरना स्थल पर एकत्र हुए। प्रदर्शनकारी आविप कार्यालय पर पहुंचे लेकिन मौजूद पुलिस बल ने उन्हें अंदर दाखिल नहीं होने दिया। प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों से आधा घंटे के अंदर अपना पक्ष रखने की बात कही। काफी देर तक अधिकारियों की ओर से कोई जवाब न मिलने पर प्रदर्शनकारी सवा एक बजे दिल्ली सहारनपुर रोड पर पहुंचे और रोड जाम कर दिया।

रोड की खाली : प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली सहारनपुर रोड की दोनों साइड जाम कर दीं। पांच मिनट बाद राहगीरों की परेशानी को देखते हुए वह सहारनपुर से दिल्ली जाने वाले रास्ते को छोड़ कर दूसरी ओर बैठ गए। कुछ ही देर में रोड पर वाहनों की कतारें लग गईं। पुलिस ने दिल्ली की ओर से सहारनपुर जाने वाले वाहनों को ट्रानिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र गेट नंबर दो से आवासीय योजना में होते हुए डायवर्ट कर दिया। हालांकि, डेढ़ घंटे तक लोगों को जाम से जूझना पड़ा। अधिकारियों ने की वार्ता : करीब एक घंटे बाद अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से वार्ता कर समस्या का समाधान करने की बात कहीं। पहले प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों को रोड पर बुलाने की मांग की। बाद में छह प्रदर्शनकारी आविप कार्यालय में वार्ता करने गए। अधिकारियों ने 24 दिसंबर को कमिश्नर से वार्ता कराने की बात कही लेकिन प्रदर्शनकारी दस दिसंबर को वार्ता करने और वार्ता में सांसद, विधायक के शामिल होने की बात करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने उपजिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर समस्या का समाधान कराने की मांग की है।

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