जरूरतमंदों की भूख प्यास मिटाएगी निर्जला एकादशी
जागरण संवाददाता साहिबाबाद ज्येष्ठ माह की तपती गर्मी और कोरोना काल में रोजी रोटी के लिए परेशान लोगों को निर्जला एकादशी में मिलेगा फल
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : ज्येष्ठ माह की तपती गर्मी और कोरोना काल में रोजी रोटी के लिए परेशान लोगों के लिए निर्जला एकादशी का व्रत राहत भरा होगा। मंगलवार को निर्जला एकादशी को लोग भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा कर बिना अन्न पानी ग्रहण किए व्रत रखेंगे। घड़ा, शीतल जल, फल, राशन आदि जरूरतमंदों को दान करेंगे। इससे लॉकडाउन में विक्रेताओं के साथ जरूरतमंदों को भी लाभ होगा। वहीं, दानपुण्य करने वालों पर भगवान की कृपा भी होगी।
निर्जला एकादशी पानी न पीने की कठिन व्रत और साधना है। वहीं, इस दिन लोगों को पानी पिलाकर परोपकार करने की प्राचीन भारतीय परंपरा भी है। पंडित गिरीश मिश्रा का कहना है कि पांचों तत्वों को अपने अनुकूल बनाने की साधना पद्धति प्राचीन कॉल से हमारे देश में चली आ रही है। निर्जला एकादशी का व्रत जलमय कोष की साधना का व्रत है। निर्जला एकादशी भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की आराधना का व्रत है।
----------- लॉकडाउन है दान पुण्य का अवसर
निर्जला एकादशी को लोग ग्रीष्म ऋतु में होने वाले फल, सब्जियों के साथ शरबत, पानी की सुराही घड़ा, पंखा आदि का दान करते हैं। पंडित गिरीश मिश्रा का कहना है कि कोरोना वायरस से फैली इस महामारी से लोग परेशान हैं। भूखे प्यासे लोग सफर कर रहे हैं। नौकरी न होने से उनके पास खाने को नहीं है। निर्जला एकादशी पर जरूरतमंदों की मदद कर पुण्य कमाने का मौका है। इस दिन दानपुण्य करना विशेष फलदायी होता है। वहीं, दान पुण्य करने से विक्रेताओं के साथ जरूरतमंदों की भी भूख प्यास मिटेगी।
-------- एकादशी उदयतिथि से आरंभ हो रही है। ऐसे में मंगलवार को निर्जला एकादशी का निर्जला व्रत होगा। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के साथ दानपुण्य करना विशेष फलदायक होता है।
- पंडित विनय मिश्रा, शिव हनुमान मंदिर शिप्रा सनसिटी इंदिरापुरम