निर्जला एकादशी आज : पक्षियों के लिए पानी रखने की व्यवस्था करेंगे

जागरण संवाददाता गाजियाबाद निर्जला एकादशी का व्रत सोमवार को है। इस दिन गर्मी में शीतलता प्रद

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 10:42 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 10:42 PM (IST)
निर्जला एकादशी आज :   पक्षियों के लिए पानी रखने की व्यवस्था करेंगे
निर्जला एकादशी आज : पक्षियों के लिए पानी रखने की व्यवस्था करेंगे

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : निर्जला एकादशी का व्रत सोमवार को है। इस दिन गर्मी में शीतलता प्रदान करने वाली वस्तुओं को दान करने का बड़ा महत्व है। पानी के लिए घड़ा, शरबत, खरबूज, हाथ का पंखा आदि दान किया जाता है। गर्मी में पानी की ज्यादा जरूरत केवल इंसानों को ही नहीं पशु-पक्षियों को भी रहती है। इसलिए उनके लिए पानी की व्यवस्था करना भी पुण्य के काम है।

कमला नेहरू नगर स्थित शिव मंदिर के पुजारी सुगम जी महाराज ने कहा कि हर जीव में आत्मा है। चाहे वह इंसान है पशु-पक्षी या पेड़ पौधे हों, सभी को गर्मी में पानी की हर मौसम से ज्यादा जरूरत होती है। जो भी प्यासा है उसे पानी पिलाना सबसे बड़े पुण्य का काम है। सभी से अपील है कि मिट्टी के घड़े दान करें इससे कुम्हारों की भी मदद होगी।

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निर्जला एकादशी के व्रत के दिन घड़ा, शरबत, खरबूज, पंखा आदि का दान करेंगे। पक्षियों के लिए पानी की भी व्यवस्था करेंगे और जरूरतमंदों के लिए जरूरत के सामान भी दान करेंगे। इस साल व्रत के दिन कोरोना संक्रमण से बचाव को देखते हुए मंदिर में किसी तरह का कार्यक्रम नहीं हो रहा है।

- गीता त्यागी, वरिष्ठ नागरिक निर्जला एकादशी पर पक्षियों के लिए पानी रखने की व्यवस्था करेंगे। पहले भी पक्षियों के लिए पानी रखा जाता रहा है। व्रत के दिन दूसरी जगह जहां पक्षी आते हैं, लेकिन पानी नहीं मिलता ऐसी जगह पानी रखेंगे।

- काजल त्यागी, छात्रा

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व्रत से पहले नहीं हुई बिक्री कुम्हारों व निर्जला एकादशी व्रत की सामग्री बेचने वालों को आस थी कि व्रत से एक-दो दिन पहले बिक्री हो पाएगी। लेकिन व्रत से दो दिन पहले शनिवार और रविवार को लाकडाउन की वजह से बिक्री नहीं हो सकी। हालांकि ग्राहकों की उम्मीद में कुछ ने दुकान लगाई, लेकिन किसी ने खरीदारी नहीं की। घंटाघर स्थित घड़े व पंखों की दुकान लगाकर बैठे बहन भाई वैष्णवी व हर्ष ने बताया कि उनकी बिक्री नहीं हो रही है। वहीं एक दूसरे दुकानदार ने कहा कि उनके रुपये सामान खरीदने में खर्च तो हो गए, लेकिन बिक्री न होने की वजह से काफी परेशान हैं। व्रत के दिन ही कुछ बिक्री हो जाए अब तो बस यही उम्मीद कर सकते हैं।

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