कूड़ा निस्तारण में लापरवाही, एनजीटी ने नगर निगम पर लगाया एक करोड़ का जुर्माना

इंदिरापुरम के शक्ति खंड-चार के 35 हजार वर्ग मीटर जमीन पर लगे कूड़े के ढेर के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गाजियाबाद नगर निगम पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना 15 दिन के भीतर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को देना होगा। शक्ति खंड-चार की जमीन पर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) और नगर निगम की ओर से रोजाना करीब 250 टन कूड़ा डाला जाता है। कंफेडरेशन आफ ट्रांस हिडन आरडब्ल्यूए गाजियाबाद की ओर से एनजीटी में याचिका दायर की गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 06:38 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 06:38 PM (IST)
कूड़ा निस्तारण में लापरवाही, एनजीटी ने नगर निगम पर लगाया एक करोड़ का जुर्माना
कूड़ा निस्तारण में लापरवाही, एनजीटी ने नगर निगम पर लगाया एक करोड़ का जुर्माना

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : इंदिरापुरम के शक्ति खंड-चार के 35 हजार वर्ग मीटर जमीन पर लगे कूड़े के ढेर के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गाजियाबाद नगर निगम पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना 15 दिन के भीतर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को देना होगा। शक्ति खंड-चार की जमीन पर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) और नगर निगम की ओर से रोजाना करीब 250 टन कूड़ा डाला जाता है। कंफेडरेशन आफ ट्रांस हिडन आरडब्ल्यूए गाजियाबाद की ओर से एनजीटी में याचिका दायर की गई थी। एक माह तक बंद रहा कूड़ा निस्तारण प्लांट : नगर निगम की ओर से शक्ति खंड-चार की खाली जमीन पर एकत्र कूड़े के निस्तारण के लिए बायोरेमेडिएशन (जैवोपचारण) प्लांट लगाया है। इस प्लांट को चलाने के लिए नगर निगम के अधिशासी अभियंता के नाम पर बिजली कनेक्शन है। तीन लाख 50 हजार 665 रुपये का बिल न जमा करने पर विद्युत निगम ने सितंबर में ही बिजली कनेक्शन काट दिया था। एक माह बाद बिजली कनेक्शन जुड़ा है। फिलहाल अभी तक कूड़ा निस्तारण नहीं शुरू हुआ है। किसी ने नहीं सुनी तो डाली थी याचिका : शक्ति खंड-चार के खाली प्लाट पर कूड़ा डालने के बाद आए दिन उसमें आग लगा दी जाती थी। इससे उठने वाला धुआं और दुर्गंध कालोनियों व बहुमंजिला इमारतों के फ्लैटों में जाता था, जिससे लोगों का दम घुटता था। कंफेडरेशन आफ ट्रांस हिडन आरडब्ल्यूए गाजियाबाद के महासचिव मोहन सांगवान व समन्वयक कुलदीप सक्सेना ने बताया कि दर्जनों बार प्रदर्शन किया, अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद एनजीटी में याचिका दायर की गई थी। शहर में जगह-जगह कूड़े का ढेर लग रहा है। अब उम्मीद है कि लोगों को कूड़े से राहत मिल जाएगी। एनजीटी ने आदेश में नगर निगम को कहा है कि जिन अधिकारियों ने कूड़ा निस्तारण में लापरवाही बरती है। उनके वेतन से जुर्माने की राशि वसूली जाए। याचिका में कब क्या हुआ :

- 14 अक्टूबर, 2018 : कंफेडरेशन आफ ट्रांस हिडन आरडब्ल्यूए गाजियाबाद की ओर से इंदिरापुरम के शक्ति खंड-चार में कूड़ा डालने व जलाने की समस्या का समाधान न होने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण में जनहित याचिका दायर की।

- 19 नवंबर, 2018 : एनजीटी ने सुनावाई के दौरान कूड़े की समस्या का समाधान के लिए जीडीए, नगर निगम, यूपीपीसीबी और सीपीसीबी की एक कमेटी बनाई। जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया।

- 28 मई, 2019 : सुनवाई के दौरान कूड़े की समस्या पर काम नही करने पर एनजीटी ने नगर निगम पर 25 लाख का जुर्माना लगाया। साथ ही यूपीपीसीबी को दो माह के अंदर शक्ति खंड-चार में लगे कूड़े के ढेर से समस्याओं पर रिपोर्ट बनाकर पेश करने को कहा। यूपीपीसीबी ने रिपोर्ट में कहा कि इस डंपिग ग्राउंड के चारों ओर लोग रहते हैं। कूड़े से भूजल भी दूषित हो रहा है।

- 21 अगस्त, 2020 : एनजीटी ने कूड़े की समस्या के समाधान के लिए जीडीए उपाध्यक्ष, नगर अयुक्त, यूपीपीसीबी और सीपीसीबी के अधिकारियों की एक कमेटी बनाई, जिसका चेयरमैन गाजियाबाद जिलाधिकारी को बनाया गया। इसके बाद नगर निगम की ओर से शक्ति खंड-चार में बने डंपिग ग्राउंड में कूड़ा निस्तारण के लिए बायोरेमेडिएशन प्लांट लगाया गया, लेकिन इससे भी अभी तक लोगों को कूड़े से राहत नहीं मिली है।

- 22 अगस्त, 2021 : एनजीटी ने कूड़े के निस्तारण में लापरवाही बरतने पर नगर निगम पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। 15 दिन में जुर्माना सीपीसीबी को देना है। साथ ही अपर मुख्य सचिव नगर विकास को 22 फरवरी 2022 को एनजीटी में पेश होने का आदेश दिया है। अपर मुख्य सचिव नगर विकास को कूड़े की समस्या से समाधान पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी सौंपनी होगी। कुछ समय पूर्व एनजीटी की एक कमेटी ने इंदिरापुरम का दौरा किया था। कमेटी ने नगर निगम के कार्य की सराहना की थी। कोविड महामारी के चलते कूड़ा निस्तारण के काम में देरी हुई है। इसके लिए एनजीटी में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी।

-महेंद्र सिंह तंवर, नगरायुक्त

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