Ghaziabad Conversion Case: गाजियाबाद में भी बड़ी संख्या में लोगों के मतांतरण का अंदेशा, जांच में जुटी पुलिस
Ghaziabad Conversion Case डासना देवी मंदिर में दो जून की रात घुसे दो संदिग्धों विपुल विजयवर्गीय उर्फ रमजान व कासिफ के मामले में सनसनीखेज जानकारियां मिल रही हैं। इन्हें डासना देवी मंदिर भेजने वाले सलीमुद्दीन के विजयनगर स्थित पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में मतांतरण का खेल चल रहा था।
गाजियाबाद [आशुतोष गुप्ता]। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के मसूरी के डासना देवी मंदिर में दो जून की रात घुसे दो संदिग्धों विपुल विजयवर्गीय उर्फ रमजान व कासिफ के मामले में सनसनीखेज जानकारियां मिल रही हैं। इन्हें डासना देवी मंदिर भेजने वाले सलीमुद्दीन के विजयनगर स्थित पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में मतांतरण का खेल चल रहा था। अंदेशा है कि यहां बड़ी संख्या में लोगों का मतांतरण कराया गया। यहां पैरामेडिकल की शिक्षा के लिए आने वाले छात्र-छात्रओं का ब्रेनवाश किया जाता था। उन्हें मतांतरण के लिए नौकरी, पैसा, शादी समेत अन्य लालच दिए जाते थे। इस इंस्टीट्यूट में प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में देश भर से छात्र पैरामेडिकल की पढ़ाई के लिए आते हैं। सलीमुद्दीन उन्हें पैरामेडिकल की पढ़ाई के साथ मतांतरण के लिए भी उकसाता था।
मुंबई के मौलाना मुंजीर ने विपुल विजयवर्गीय का सलीमुद्दीन से संपर्क कराया था। इसके बाद विपुल विजयवर्गीय ने यहां आकर पैरामेडिकल की पढ़ाई की और सलीमुद्दीन ने उसका मतांतरण कराकर रमजान के नाम से नामकरण कराया और कासिफ की बहन आयशा से निकाह कराया था।
विजयनगर में फलाह-ए-आम के नाम से चल रहे इस इंस्टीट्यूट की वेबसाइट भी बनी हुई है। फेसबुक पेज भी है। सुरक्षा एजेंसियों पूर्व में ही सलीमुद्दीन के पास से इंस्टीट्यूट से संबंधित सभी डाटा एकत्र कर लिया था। इस डाटा के आधार पर ही मतांतरण के गिरोह का पर्दाफाश हुआ और यूपी एटीएस ने जहांगीर व उमर गौतम को गिरफ्तार किया। अभी भी सुरक्षा एजेंसियां इस डाटा और गाजियाबाद में हुए मतांतरण की तस्दीक कर रही हैं।
कुछ किताबों के माध्यम से किया जाता है ब्रेनवाश : सलीमुद्दीन के इंस्टीट्यूट में कुछ किताबों के माध्यम से ब्रेनवाश कर मतांतरण के लिए उकसाया जाता है। गाजियाबाद के एक व्यक्ति का सलीमुद्दीन के इंस्टीट्यूट में आना-जाना था। उस व्यक्ति ने बताया कि सलीमुद्दीन ने उस व्यक्ति के धर्म की बुराई की और दो किताबें पढ़ने के लिए दी। सलीमुद्दीन ने उस व्यक्ति से कहा कि ये किताबें पढ़ना और इसके बाद मंथन करना कि क्या सही है और क्या गलत। वह व्यक्ति किताबें लेकर सलीमुद्दीन के पास से चला आया। इसके साथ ही यह बता दें कि कुछ वर्ष पूर्व मेरठ की एक युवती के साथ लव जिहाद का मामला प्रकाश में आया था। इस युवती को भी वही किताबें दी गई थी। युवती के मत परिवर्तन नहीं करने पर बंधक बनाकर जबरन मतांतरण के बाद निकाह कराया गया था। युवती बाद में किसी तरह उनके चंगुल से आजाद हुई और उसे नेहरूनगर के यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। युवती ने पुलिस को ये ही किताबें सौंपी थीं।
गरीबी दूर करने का दिया जाता है लालच
मतांतरण के खेल में नौकरी, पैसा और शादी के लालच दिए जाने की बात पूर्व में आ चुकी है। जांच में आया है कि इस खेल में गरीब व जरूरतमंद को गरीबी दूर करने का प्रलोभन भी दिया जाता था। मतांतरण के लिए एक व्यक्ति से कई लोग मिलकर उसका ब्रेनवाश करते थे और तब तक उसका पीछा नहीं छोड़ते थे जब तक कि वह मतांतररण करने को मजबूर नहीं हो जाता था।
कई अन्य संस्थान भी जांच के दायरे में
मतांतरण के खेल का पर्दाफाश होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में करीब एक दर्जन ऐसे संस्थान, इंस्टीट्यूट, स्कूल व कालेज हैं जहां मतांतरण का अंदेशा है। दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद समेत एनसीआर के कई जिलों में इनकी भूमिका की जांच की जा रही है। सूत्रों की माने तो मतांतरण कराने वाले गिरोह के सदस्यों उमर गौतम व जहांगीर के नेटवर्क कई जगह मिलने की जानकारियां आई हैं।