पिता की पेंशन और एक मकान पर कब्जे के लिए रिश्ते हो गए तार-तार, पढ़िए दोहरी हत्या की पूरी कहानी

आठ साल पहले मर चुके पिता की पेंशन को लेकर परिवार में चल रहे विवाद में दो लोगों की हत्या हो गई। बम्हैटा में मां-बेटे की हत्या ने रिश्तों को तार-तार कर दिया। यह दोहरी हत्या एक मकान और नौ हजार रुपये की पेंशन के लिए की गई।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 25 May 2021 04:46 PM (IST) Updated:Tue, 25 May 2021 04:46 PM (IST)
पिता की पेंशन और एक मकान पर कब्जे के लिए रिश्ते हो गए तार-तार, पढ़िए दोहरी हत्या की पूरी कहानी
पिता की पेंशन की रकम को लेकर भी रहता था परिवार में विवाद।

गाजियाबाद, [आशुतोष गुप्ता]। आठ साल पहले मर चुके पिता की मात्र नौ हजार रुपये की पेंशन को लेकर परिवार में चल रहे विवाद में दो लोगों की हत्या हो गई। बम्हैटा में मां-बेटे की हत्या ने रिश्तों को तार-तार कर दिया। यह दोहरी हत्या एक प्लॉट और महज नौ हजार रुपये की पेंशन पाने के पीछे हो गई। आरोपितों ने दादी और पोतों के रिश्तों के साथ चाचा-भतीजे के रिश्ते पर भी कालिख पोत दी। पुलिस ने घटना में एक आरोपित को तो गिरफ्तार कर लिया है जबकि मुख्य आरोपित अभी पुलिस की पकड़ से दूर है।

मृतका के बहू व बेटे के विरोधाभासी बयानों से पुलिस का शक घटना की रात ही पोतों पर गहरा गया था। हालांकि जो शक था वह सही साबित हुआ। दरअसल जब रविवार की रात पुलिस सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंची और जांच की तो मौके पर मृतक वृद्धा का बड़ा बेटा सुंदर और सुंदर के ताऊ का बेटा कल्लू मिले। पुलिस ने परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी की तो सुंदर ने बताया कि उनकी बेटी पूजा मायके आई हुई है और दो बेटे अभिषेक व हिमांशु शाम को गौतमबुद्धनगर के सरफाबाद निवासी नाना के चले गए।

जबकि सुंदर की पत्नी ने पुलिस को बताया कि हिमांशु पिछले तीन दिन से घर नहीं आया है और अभिषेक भी कहीं काम से गया हुआ है। हिमांशु एक ट्रांसपोर्ट पर गाड़ी चलाने के साथ प्रॉपर्टी का कारोबार करता है और अभिषेक भैंसों की देखरेख के साथ उनका दूध सप्लाई करता है। नरेंद्र की अभी शादी नहीं हुई थी। पिता की मृत्यु के बाद से वह मां के साथ दूसरे मकान में रह रहा था। पिता की मृत्यु के बाद से ही नरेंद्र की बड़े भाई से नहीं बनती थी। जांच में आया है कि नरेंद्र गांजे का नशा करता था। नशे की हालत में वह भाई-भाभी व परिवार के अन्य सदस्यों से गाली-गलौच करता था। इसके चलते उसकी पिछले काफी दिनों से भाई सुंदर से बोलचाल बंद थी। इसको लेकर नरेंद्र से परिवार के सदस्य खुश नहीं रहते थे।

मां देती थी नरेंद्र का साथ

नरेंद्र की 38 साल की उम्र हो चुकी थी लेकिन उसने शादी नहीं की थी। उसकी शादी के लिए कई रिश्ते भी आए थे लेकिन छवि खराब होने के कारण सभी रिश्ते वापस लौट जाते थे। इसके बावजूद वह अपनी मां का लाडला था। यही कारण था कि वह पिता की पेंशन नरेंद्र को सौंप देती थी। बड़ा भाई सुंदर व उसके बेटे हिमांशु व अभिषेक इसका विरोध करते थे। आरोपित जिस मकान में नरेंद्र रह रहा था उसे कब्जाना चाहते थे लेकिन नरेंद्र ने स्पष्ट कर दिया था कि वह इस मकान को किसी भी सूरत में नहीं देगा। इसके चलते आरोपित उससे रंजिश मानते थे। हिमांशु व अभिषेक हत्या तो नरेंद्र की करना चाहते थे लेकिन उन्होंने दादी के नरेंद्र का पक्ष लेने और साक्ष्य मिटाने के लिए उनकी भी हत्या कर दी।

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