यूपी की जेल में सामने आया अजब मामला, 4 कैदी बोले 'साहब नहीं चाहिए पैरोल, जेल में ही ठीक हैं'

गाजियाबाद जिला कारागार के चार कैदियों ने अधिकारियों से उन्हें जेल से रिहा न करने की गुहार लगाई है। उन्हें कोरोना का और लचर‌ व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। ऐसे में उन्होंने जेल से नहीं छोड़े जाने का निवेदन किया है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 29 May 2021 11:13 AM (IST) Updated:Sat, 29 May 2021 11:13 AM (IST)
यूपी की जेल में सामने आया अजब मामला, 4 कैदी बोले 'साहब नहीं चाहिए पैरोल, जेल में ही ठीक हैं'
यूपी की जेल में सामने आया अजब मामला, 4 कैदी बोले 'साहब नहीं चाहिए पैरोल, जेल में ही ठीक हैं'

गाजियाबाद [आयुष गंगवार]। हम आम बोल चाल में अक्सर सुनते हैं की जेल थोड़े ही है। जेल, यानी जहां कैद किया जाता है। जेल जाने से पहले ही लोग यहां से बाहर निकलने के प्रयास शुरू कर देते हैं, लेकिन दिल्ली से सटे गाजियाबाद की डासना की जिला कारागार के चार कैदी अधिकारियों से उन्हें जेल से रिहा न करने की गुहार लगा रहे हैं। उन्हें कोरोना का और लचर‌ व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, इसीलिए इन कैदियों ने जेल में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के लिए दी जा रही 60 दिन की पैरोल लेने से इनकार कर दिया है। कैदियों ने कहा कि साहब यहां (जेल में) बहुत अच्छी व्यवस्था है और हम यहां सुरक्षित भी हैं। ऐसे हमें जेल से न निकालिए। जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने चारों कैदियों को जेल में ही रहने की इजाजत दे दी है। साथ ही इस बारे में मुख्यालय को भी रिपोर्ट भेज दी है।

सात साल तक की सजा वाले कैदियों ने किया इनकार

जेल अधीक्षक ने बताया कि पैरोल पर रिहा होने से इनकार करने वाले चारों कैदी सात साल तक की सजा पाने वालों की श्रेणी के हैं। इनकी कैद की अवधि का 70-85 फीसद समय पूरा हो चुका है। इन कैदियों का कहना है कि जेल में समय से सैनिटाइजेशन होता है। दवाएं मिलती हैं, सफाई रहती है और यहां रहकर उनकी जीवनशैली संयमित हो गई है। कैदियों ने भरोसा जताते हुए कहा कि जेल में रहते हुए यदि‌ वे संक्रमण की चपेट में आ भी गए तो यहां इलाज के बेहतर प्रबंध हैं। रोजाना योग कराते हैं और भाप दिलाते हैं और डॉक्टरों के साथ अधिकारी भी खास देखभाल करते हैं। कैदियों की बात सुनकर जेल प्रशासन गदगद है। डीजी जेल आनंद कुमार ने भी डासना जेल के अधिकारियों को शाबाशी दी है।

क्यों दी जा रही पैरोल और अंतरिम जमानत

डासना जेल में मानकों के अनुसार 1708 कैदियों के रहने की जगह है, जबकि यहां दो सप्ताह पहले तक 5400 कैदी-बंदी थे।‌ जेल के अंदर भीड़ के माहौल में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की आशंका के चलते बंदियों को 60 दिन की अंतरिम जमानत और कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जा रहा है। इस साल 731 बंदियों को अंतरिम जमानत और 52 कैदियों को पैरोल दी जा चुकी है। इसी तरह बीते साल भी जब कोरोना वायरस ने पैर पसारे थे तो 911 कैदी व बंदी जेल से छोड़े गए थे।

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