Friendship Day Special: गाजियाबाद में इनकी दोस्ती की दी जाती है मिसाल
बीके शर्मा हनुमान और वीके अग्रवाल की दोस्ती से भी पूरा शहर परिचित है। प्राइवेट चिकित्सक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष बीके शर्मा कहते हैं कि करीब 30 साल पहले अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के अध्यक्ष वीके अग्रवाल से वह मिले थे।
गाजियाबाद [आयुष गंगवार]। दोस्त हर किसी की जिंदगी का वह जरूरी हिस्सा होते हैं, जिसके बिना कोई इंसान अपनी जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकता। सुख में दोस्त का साथ हो तो खुशियां बढ़ जाती हैं और दोस्त का हाथ कंधे पर हो तो दु:ख की घड़ी जल्दी बीत जाती है। पौराणिक किरदारों में भी दोस्ती के किस्से सुनने को मिलते हैं। कृष्ण और सुदामा की दोस्ती हो या राम और सुग्रीव की। महाभारत के युद्ध में भी कृष्ण ने अर्जुन के सखा की भूमिका निभाई थी। दोस्ती का दर्जा कितना ऊंचा होता है, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज एक अगस्त को पूरा विश्व दोस्ती दिवस यानी फ्रेंडशिप डे के रूप में मना रहा है। गाजियाबाद में भी ऐसी कसमे खाने वाले दोस्ती के उदाहरण हैं।
संजीव व पप्पू पहलवान की जोड़ी है खास
कहते हैं कि राजनीति में हमेशा के लिए कोई मित्र नहीं होता। आज का दोस्त कल दुश्मन हो सकता है। मगर यह कहावत भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा और महानगर महामंत्री पप्पू पहलवान की जोड़ी पर सटीक नहीं बैठती। पूर्व में दो बार महानगर उपाध्यक्ष रहे पप्पू पहलवान को संजीव शर्मा के महानगर अध्यक्ष बनने पर महामंत्री का पद मिला। संजीव शर्मा बताते हैं कि उनकी दोस्ती 25 साल पुरानी है। वह राजेंद्रनगर में रहते थे तो उनके यहां अक्सर दोस्त आया करते थे। पप्पू उस समय राजेंद्र नगर कालोनी की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष थे। दोस्तों की आवाजाही को लेकर पप्पू उनके घर यह चेक करने आते थे कि कोई संदिग्ध या गलत आदमी तो नहीं आ रहा। कई दिन तक कुछ गलत नहीं मिला तो पप्पू को संजीव के मित्र और उनकी दोस्ती अच्छी लगने लगी। धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ीं और फिर दोनों बेस्ट फ्रेंड बन गए।
पप्पू कहते हैं कि हमारे बीच कभी कोई तीसरा नहीं आया। मेरी कोई बात अच्छी नहीं लगी तो संजीव ने सीधे उन्हें बता दिया और इसी तरह पप्पू भी संजीव से कह देते हैं कि यह बात ठीक नहीं। ऐसे ही हल्की-फुल्की नोक-झोंक के साथ दोस्ती चल रही है।
एक-दूसरे के पूरक हैं वीके और बीके
बीके शर्मा हनुमान और वीके अग्रवाल की दोस्ती से भी पूरा शहर परिचित है। प्राइवेट चिकित्सक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष बीके शर्मा कहते हैं कि करीब 30 साल पहले अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के अध्यक्ष वीके अग्रवाल से वह मिले थे। तब वीके अग्रवाल विद्युत विभाग में लिपिक के पद पर तैनात थे। बिल से जुड़ी गड़बड़ी को ठीक कराने के लिए वह कई दिन से चक्कर काट रहे थे। वीके अग्रवाल ने पहली मुलाकात में ही गड़बड़ी ठीक कर दी। उन दिनों सरकारी विभाग में ऐसे मृदुभाषी और जनता की समस्या को समझने वाले लोग न के बराबर मिलते थे। इसीलिए वह वीके अग्रवाल के मुरीद हो गए और दोस्ती आज तक कायम है। वीके अग्रवाल बताते हैं कि हम एक-दूसरे के पूरक हैं। ऐसा कोई काम नहीं, जो एक-दूसरे के बिना पूरा हो। पारिवारिक फैसलों में भी हम राय-मशविरा करते हैं।
राजदेव-अश्वनी की स्कूल वाली दोस्ती
आज की भागमभाग जिंदगी में स्कूल वाले दोस्त अक्सर पीछे छूट जाते हैं। कभी हम तो कभी दोस्त काम या पढ़ाई के लिए दूर हो जाता है। मगर राजदेव त्यागी और अश्वनी त्यागी छठी क्लास से आजतक साथ हैं। गाजियाबाद केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजदेव त्यागी और गोविंदपुरम निवासी प्रापर्टी डीलर अश्वनी स्याना इंटर कालेज में करीब 35 साल पहले छठी क्लास में पढ़ते थे। तभी से दोनों जिगरी दोस्त बन गए। आगे की पढ़ाई भी साथ की। अब दोनों गाजियाबाद रहते हैं। राजदेव कहते हैं कि हमारा काम भले ही अलग है, लेकिन दोस्त के लिए समय निकाल लेता हूं। अश्वनी बताते हैं कि राजदेव जैसा कभी कोई दूसरा नहीं मिला। हमारे परिवारों में भी दोस्ती है और हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहते हैं।
मिलकर करते हैं नगर निगम की खामियां उजागर
नगर निगम के पार्षद राजेंद्र त्यागी और हिमांशु मित्तल की दोस्ती 10 से अधिक पुरानी है। नगर निगम के जरिए संपर्क में आए दोनों पार्षदों की जोड़ी के चर्चे पूरे नगर निगम में होते रहते हैं। नगर निगम की बैठक में दोनों एक साथ जनता की आवाज को बुलंद करते हैं और सैकड़ों बार नगर निगम की खामियों और घोटालों को एक साथ मिलकर उजागर कर चुके हैं। इतना ही नहीं अधिकांश बार नगर निगम को इनकी बात माननी पड़ती है। राजेंद्र त्यागी कहते हैं कि यह दोस्ती अच्छे के लिए शुरू हुई थी, जो आगे भी चलती रहेगी।