Ghaziabad Panchayat elections 2021: जानिए क्यों पीछे की बेंच पर जाकर बैठ गए गाजियाबाद के डीएम, कोई पहचान भी नहीं पाया

Ghaziabad Panchayat elections 2021 प्रशिक्षण केंद्र पर पहुंचने के बाद जिलाधिकारी ने सरकारी अमले को बाहर ही रोक दिया और मास्क लगाकर चुपचाप एक कक्ष में मतदान कर्मियों के बीच जाकर बैठ गए। मास्क लगा होने के कारण न तो प्रशिक्षण लेने वाले उन्हें पहचान सके और न ही प्रशिक्षक।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 05:48 PM (IST) Updated:Wed, 07 Apr 2021 07:15 PM (IST)
Ghaziabad Panchayat elections 2021: जानिए क्यों पीछे की बेंच पर जाकर बैठ गए गाजियाबाद के डीएम, कोई पहचान भी नहीं पाया
पंचायत चुनाव के लिए प्रशिक्षण केंद्र पर पहुंचे डीएम अजय शंकर पांडेय। जागरण

गाजियाबाद [आशुतोष अग्निहोत्री]। न किसी वीवीआइपी का दौरा और न ही कोई राष्ट्रीय स्तर का आयोजन जिसमें प्रोटोकाल का पालन करना जरूरी हो। बावजूद इसके जिलाधिकारी अगर बैक बेंच पर बैठे हों तो खबर तो बनती है। जी हां हम बात कर रहे हैं गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय की। इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रही उनकी एक तस्वीर शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है, कि आखिर जिलाधिकारी को एक कक्ष में पीछे की बेंच पर क्यों बैठना पड़ा। क्या जिलाधिकारी को किसी ने सजा दी या फिर वह स्वयं ही किसी विशेष प्रयोजन से पीछे की बेंच पर बैठे थे।

चलिए हम समझाते हैं। असल में मामला मोहन नगर स्थित आइटीएस कॉलेज का है जहां जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय एक कमरे में मास्क लगाए कुछ कर्मियों के बीच में बैठे नजर आ रहे हैं। यहां बुधवार को मतदान कर्मिंयों का प्रशिक्षण चल रहा था। दो पालियों में चल रहे प्रशिक्षण के दौरान जिलाधिकारी अपने अधीनस्थों के साथ प्रशिक्षण का जायजा लेने पहुंच गए।

प्रशिक्षण केंद्र पर पहुंचने के बाद उन्होंने सरकारी अमले को बाहर ही रोक दिया और मास्क लगाकर चुपचाप एक कक्ष में मतदान कर्मियों के बीच जाकर बैठ गए। मास्क लगा होने के कारण न तो प्रशिक्षण लेने वाले उन्हें पहचान सके और न ही प्रशिक्षक।

जिलाधिकारी करीब आधा घंटे तक कर्मचारियों के बीच बैठे रहे। इस दौरान उन्होंने पास में बैठे कर्मियों से बतौर सहयोगी विभिन्न मुद्दों पर चुनावी चर्चा जानकारी भी ली। यही नहीं उन्होंने प्रशिक्षणार्थी के रूप में कई सवाल भी पूछे। प्रशिक्षकों को जब आभास हुआ कि उनके बीच में सवाल पूछने वाले जिलाधिकारी हैं तो वह थोड़ा हिचकिचाए और उन्हें मंच तक लेकर गए। बाद में जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल की मौजूदगी में प्रशिक्षण लेने वाले कर्मियों को प्राेत्साहित किया और चुनाव प्रक्रिया में ईमानदारी से काम करने की अपील की।

22 कर्मियों का एक दिन का वेतन काटा, नोटिस जारी

पहले दिन के प्रशिक्षण में 22 मतदान कर्मी अनुपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने सभी अनुपस्थित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। अनुपस्थित रहे कर्मचारियों को नौ अप्रैल को प्रशिक्षण के लिए फिर से बुलाया गया है। नौ अप्रैल को भी गायब रहने वाले मतदानकर्मियाें की एक दिन की सर्विस ब्रेक मानी जाएगी और इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद में पंचायत चुनाव के लिए मतदान 15 अप्रैल को होगा।

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