Gangster Mukim Kala: जानें- कौन था गैंगस्टर मुकीम उर्फ काला, साथ लेकर चलता था हैंड ग्रेनेड और एके-47
Gangster Mukim Kala चित्रकूट जेल में मारा गया गैंगस्टर मुकीम काला अपने साथ हैंड ग्रेनेड कार्बाइन एके-47 समेत कई अत्याधुनिक हथियार लेकर चलता था और वह लूट की वारदातों को दारोगा की वर्दी पहनकर अंजाम देता था।
गाजियाबाद [आशुतोष गुप्ता]। चित्रकूट जेल में मारा गया कुख्यात मुकीम काला मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर समेत पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पैर जमाना चाहता था। दरअसल, मुकीम व कुख्यात अनिल दुजाना दोनों की सुंदर भाटी से दुश्मनी थी। दुश्मन का दुश्मन दोस्त वाली कहावत पर चलकर उसने अनिल दुजाना से हाथ मिला लिया था। मुकीम चाहता था कि अनिल दुजाना के साथ हाथ मिलाकर वह पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एकछत्र राज करे। दिल्ली तिहाड़ जेल में बंद बदमाश बदमाश ने मुकीम के साथी महताब काना की मुलाकात अनिल से कराई थी। इसके बाद महताब के माध्यम से मुकीम व अनिल एक-दूजे से मिले थे। यह मुलाकात खूनी रंग में बदली थी। अनिल पर विश्वास कायम करने के लिए मुकीम ने उसके कई दुश्मनों का सफाया किया। 19 अक्टूबर, 2015 को मुकीम लोनी में एक वारदात को अंजाम देने के लिए आ रहा था। इस दौरान यूपी एसटीएफ ने जाल बिछाया और उसका पीछा कर दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पास से मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पता चला था कि मुकीम के निशाने पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई लोग थे, जिनकी उसने सुपारी ली हुई थी। इनमें नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ व सहारनपुर के लोग शामिल थे। मुकीम अपने साथ हैंड ग्रेनेड, कार्बाइन, एके-47 समेत कई अत्याधुनिक हथियार लेकर चलता था और वह लूट की वारदातों को दारोगा की वर्दी पहनकर अंजाम देता था।
पुलिस को चकमा देकर हो गया था फरार
19 सितंबर 2015 को मुकीम काला अपने साथी साबिर भूरा व मुकीम का दायां हाथ माने जाने वाले फिरोज उर्फ पव्वा के साथ सिहानी गेट थाना क्षेत्र के अंबेडकर रोड स्थित एक ज्वेलरी शोरूम को लूटने आया था। इस दौरान हमदर्द फैक्ट्री के पास उसकी पुलिस से मुठभेड़ हो गई। मुकीम अपने साथी साबिर के साथ फरार हो गया, जबकि फिरोज पव्वा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। मौके से मिली कार से पुलिस को दारोगा की वर्दी, कार्बाइन व दोनाली बंदूक बरामद हुई थी। फिरोज पव्वा ने पूछताछ में कई सनसनीखेज जानकारियां पुलिस को दी थीं।
संसद भवन से जुड़े एक व्यक्ति का था मुकीम पर हाथ
फरोज पव्वा ने पुलिस को जानकारी दी थी कि संसद भवन से जुड़े एक व्यक्ति की सरपरस्ती में मुकीम काला समेत अन्य गिरोह काम कर रहे थे। वह व्यक्ति इन गिरोहों के लिए सदस्यों के आपसी तालमेल से लेकर उनके लिए ठिकाने, असलहे, वाहन समेत अन्य जरूरतों को पूरा कराता था। उस व्यक्ति ने ही मुकीम काला को सुंदर भाटी की हत्या के लिए सुपारी दिलवाई थी। इसके साथ ही जम्मू में रहने वाला एक व्यक्ति देश भर में मुकीम के छिपने के लिए ठिकाने मुहैया कराता था। दिल्ली पुलिस में तैनात एक पुलिसकर्मी मुकीम को इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के बारे में जानकारी देता था। उसकी जानकारी के सहारे ही मुकीम मोबाइल फोन का कम से कम इस्तेमाल करता था। वारदात के बाद वह सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर कब्जे में लेता था। इसके साथ ही मेरठ के एक मदरसे का हाफिज मुकीम का मैसेंजर था। वह मुकीम के संदेशों को गिरोह के अन्य लोगों तक पहुंचाता था।
मुंगेर के एक गिरोह से मिलती थी हथियारों की खेप
फिरोज पव्वा ने जानकारी दी थी कि मुकीम काला के संबंध मुंगेर में हथियारों की आपूर्ति करने वाले एक गिरोह से हैं। यह गिरोह मुकीम को अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराता है। एके-47 से लेकर हैंड ग्रेनेड, कार्बाइन और नौ एमएम की पिस्टल भी यही गिरोह मुकीम तक पहुंचाता था।