गाजियाबाद को बसाने वाले गाजीउद्दीन के प्रपौत्र के नवासे ने 50 हजार करोड़ की वक्फ संपत्ति पर किया दावा

यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने गाजियाबाद को बसाने वाले गाजीउद्दीन के खानदानी सलीम खान को साल 2003 में इस वक्फ संपत्ति का मुतवल्ली बनाया था। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल कर वक्फ की संपत्ति बेचनी शुरू कर दी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 11:51 AM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 11:55 AM (IST)
गाजियाबाद को बसाने वाले गाजीउद्दीन के प्रपौत्र के नवासे ने 50 हजार करोड़ की वक्फ संपत्ति पर किया दावा
गाजियाबाद के रमते राम रोड स्थित गाजीउद्दीन की हवेली। जागरण

हसीन शाह, गाजियाबाद। गाजियाबाद को बसाने वाले गाजीउद्दीन के प्रपौत्र इसहाक खान के नवासे राशिद बेग ने पचास हजार करोड़ रुपये की वक्फ संपत्ति का मुतवल्ली बनने का दावा किया है। राशिद बेग ने अपने तमाम दस्तावेज अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में पेश किए हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने उनके दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी है। इससे गाजीउददीन के वंशजों में हलचल मच गई है।

जनपद में वक्फ की कुल संपत्तियां : अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के अनुसार वक्फ की संपत्ति का प्रबंधन मुतवल्ली देखता है। उसकी जिम्मेदारी होती है वक्फ संपत्ति की आय में इजाफा, देखभाल व हर साल आडिट करवाना। वक्फ की संपत्ति की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती है। बोर्ड की अनुमति से ही इसका पट्टा आवंटित किया जा सकता है। जनपद में अलग-अलग स्थानों पर शिया व सुन्नी समुदाय वक्फ की 718 संपत्तियां हैं। दिल्ली बॉर्डर से सटे इलाकों में इन संपत्तियों की ज्यादा कीमत है। यूपी शिया व सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने संपत्तियों की हिफाजत के लिए मुतवल्ली नियुक्त किए हैं।

राशिद बेग का दावा : फिलहाल दिल्ली के खजूरी में रहनेवाले राशिद बेग ने बताया कि गाजीउद्दीन के प्रपौत्र इसहाक खान के घर पर रशीदा बेगम काम करने आती थीं। रशीदा बेगम पहले हिंदू थी, मगर बाद में इसहाक से निकाह करने के बाद वह मुसलमान बन गईं। रशीदा बेगम की बेटी हमिदा बेगम का निकाह ताहिर बेग से हुआ था। ताहिर बेग के बेटे राशिद हैं। इस नाते से मैंने दावा पेश किया है कि संपत्ति का मुतवल्ली मुझे बनाया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने गाजीउद्दीन की हवेली में भी हिस्से का दावा किया है।

पूर्व मुतवल्ली सलीम खान ने बताया कि इमरान खान आजीवन मुतवल्ली बना रहेगा। बेटों की औलाद होते हुए बेटियों की औलाद मुतवल्ली नहीं बन सकती हैं। मैं ताहिर व राशिद बेग को नहीं जानता हूं। मुतवल्ली बनने का दावा गलत हैं। यह हमारा पारिवारिक वक्फ है। हमारे खिलाफ अधिकारी षड़यंत्र रच रहे हैं।

वर्तमान मुतवल्ली इमरान खान ने बताया कि यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ही मुझे मुतवल्ली के पद से हटा सकता है। सात साल तक मुतवल्ली होने का कोई सबूत नहीं है। ताहिर व राशिद बेग को मैं नहीं जानता हूं। मुतवल्ली पद से हटाने के लिए बोर्ड से मेरे पास कोई पत्र नहीं आया है।

अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अमृता सिंह ने बताया कि मुतवल्ली बनने के लिए खानदान से जुड़ा कोई भी व्यक्ति होना चाहिए। वर्तमान मुतवल्ली इमरान खान का कार्यकाल खत्म हो गया है। इसहाक खान के नवासे राशिद बेग ने मुतवल्ली बनने के लिए दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। दस्तावेज सही पाए गए हैं। दस्तावेजों की जांच करने के बाद रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी गई हैं।

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