Kisan Andolan: TV चैनल की महिला पत्रकार को देखते ही भड़के राकेश टिकैत, कहा- 'मैं तुमसे बात ही नहीं करूंगा'
यूपी गेट पर मीडिया से बातचीत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 50-55 हज़ार मुकदमें जो आंदोलन के दौरान दर्ज़ हुए हैं वे वापस लिए जाएं MSP गारंटी क़ानून बनें जिन किसानों ने जान गंवाई है उन्हें मुआवजा मिले
नई दिल्ली/गाजियाबाद [अवनीश मिश्र]। दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बार्डर पर किसानों के धरना प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait, national spokesperson of Bharatiya Kisan Union) बुधवार को एक महिला पत्रकार पर भड़क गए। यह महिला पत्रकार एक नामी टेलीविजन न्यूज चैनल से जुड़ी हुई है। दरअसल, इस न्यूज चैनल पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता पक्षपात पूर्ण रिपोर्टिंग करने का आरोप लगाते रहे हैं। किसानों का कहना है कि ये टीवी चैनल किसान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ खबरें दिखाते हैं। बताया जा रहा है कि धरना प्रदर्शन खत्म करने से जुड़ा सवाल पूछने से पहले ही राकेश टिकैत इस महिला पत्रकार पर भड़क गए। नाराजगी इस कदर थी कि उन्होंने कहा कि मैं तुमसे बात ही नहीं करूंगा। इस के बाद पक्षपात पूर्ण रिपोर्टिंग को लेकर राकेश टिकैत ने महिला पत्रकार को जमकर लताड़ लगाई।
उधर, बुधवार सुबह यूपी गेट पर मीडिया से बातचीत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 50-55 हज़ार मुकदमें जो आंदोलन के दौरान दर्ज़ हुए हैं वे वापस लिए जाएं, MSP गारंटी क़ानून बनें, जिन किसानों ने जान गंवाई है उन्हें मुआवजा मिले, जो ट्रैक्टर बंद हैं उन्हें ट्रैक्टर दिए जाएं। अब ये हमारे मुख्य मुद्दे हैं। सरकार को बातचीत करनी चाहिए।
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सोमवार को वादे के मुताबिक, तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को दोनों सदनों में बाकायदा विधेयक लाकर निरस्त कर दिया है। बावजूद इसके किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने समेत 6 मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं।
इस बाबत किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि एमएसपी और किसानों पर मुकदमा वापस लिए बिना कोई भी किसान दिल्ली के बार्डर से घर नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी 4 दिसंबर को हमारी बैठक है। जब तक एमएसपी पर कानून नहीं बन जाता और किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस नहीं लिए जाते, तब तक कोई भी किसान यहां से नहीं हिलेगा। मांगें पूरी होने के बाद ही हम यहां से जाएंगे। बता दें कि तीनों केंद्रीय कृषि कानून निरस्त होने के बाद भी दिल्ली-एनसीआर के सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और गाजीपुर बार्डर पर किसान प्रदर्शनकारी जमा है।
उधर, दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पर किसान प्रदर्शनकारी ऊब गए हैं और घर वापसी को बेताब हैं। दरअसल, बार्डर पर अब कई किसान घर जाने के लिए अपना सामान बांधने लगे हैं। मंगलवार सुबह कई किसानों अपना सामान पैक कर ट्रक में रख लिया। किसान तेजेंद्र ¨सह ने बताया कि सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं, बाकी मांगें भी पूरी करने का आश्वासन दिया है। अब उनके घर में बेटी की शादी है, इसलिए अब अपने घर लौटने की तैयारी है।