Rakesh Tikait की मौजूदगी में प्रशासन ने दिया आंदोलनकारियों को झटका, किसान स्मारक बनाने से रोका
28 नवंबर 2020 से यूपी गेट पर चल रहा धरना मंगलवार को भी जारी रहा है। विभिन्न राज्यों से मिट्टी लेकर सत्याग्रहियों का दल यहां पहुंचा। उनके द्वारा लाई गई मिट्टी से यहां किसान स्मारक बनाया जाना था लेकिन पुलिस प्रशासन की सतर्कता से ऐसा नहीं कर पाए।
गाजियाबाद, जेएनएन। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में 28 नवंबर 2020 से यूपी गेट पर चल रहा धरना मंगलवार को भी जारी रहा है। विभिन्न राज्यों से मिट्टी लेकर सत्याग्रहियों का दल यहां पहुंचा। उनके द्वारा लाई गई मिट्टी से यहां किसान स्मारक बनाया जाना था, लेकिन पुलिस प्रशासन की सतर्कता से ऐसा नहीं कर पाए। मंच पर ही मिट्टी रख कर शहीद स्तम्भ स्थापित किया। इसमें समाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत मौजूद रहे।
बता दें कि सत्याग्रहियों का दल पहुंचने पर प्रशासन सतर्क रहा। कोई भी निर्माण नहीं करने दिया जा रहा है। अभी हाल में ही यहां पर महापंचायत का आयोजन किया गया था। जिसमें नरेश टिकैत भी शामिल हुई थे। पुलिस प्रशासन आंदोलनकारियों पर पैनी नजर बनाए हुए है।
राकेश टिकैत को गुजरात में नहीं मिला किसानों का साथ
किसानों के मुद्दों को लेकर गुजरात गए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को किसानों का साथ नहीं मिला। गुजरात में राकेश टिकैत ने अपने दूसरे दिन की यात्रा की शुरुआत साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी की प्रतिमा का माल्यार्पण कर की। उनके साथ कांग्रेस किसान संगठन और शंकर सिंह वाघेला के गिने-चुने कार्यकर्ता ही नजर आए।साबरमती आश्रम से उनकी किसान यात्र सरदार पटेल की जन्म स्थली करमसद पहुंची।
यहां आम आदमी पार्टी के किसान संगठन के अध्यक्ष रवि पटेल ने टिकैत को हल भेंट कर स्वागत किया। किसान यात्रा यहां से बारडोली पहुंची, जहां इन नेताओं ने किसानों के साथ संवाद किया। पूरी यात्रा के दौरान पुलिस का भारी जत्था टिकैत की सुरक्षा में लगा रहा।