कोरोना के कारण घर में बंद बच्चे ने खेला ऐसा खेल की चकरा गई नोएडा और गाजियाबाद की पुलिस
मामले की जांच साइबर सेल को स्थानांतरित की गई। रविवार को साइबर सेल ने छात्र की साजिश का पर्दाफाश कर दिया। इसके बाद पुलिस ने छात्र की काउंसिलिंग की और भविष्य में ऐसा न करने की चेतावनी दी। इसके बाद स्वजन ने राहत की सांस ली।
नई दिल्ली/गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। नंदग्राम थाना क्षेत्र में रहने वाला पांचवीं का एक छात्र फ्लैट के जीवन व आनलाइन क्लास से मुक्ति पाने के लिए दादा-दादी के मोबाइल फोन से स्वजन, पड़ोसियों व रिश्तेदारों को धमकी भरे मैसेज भेजने लगा। वह पहाड़ों में बसे अपने गांव के बच्चों के बीच खेलना चाहता था। धमकी भरे मैसेज भेजे कि यदि अपने बच्चे को गांव नहीं भेजा तो वह छत से फेंककर उसकी हत्या कर देंगे। इस मैसेज से सभी दहशत में आ गए।
पीड़ितों ने इस संबंध में तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक से शिकायत की थी। मामले की जांच साइबर सेल को स्थानांतरित की गई। रविवार को साइबर सेल ने छात्र की साजिश का पर्दाफाश कर दिया। इसके बाद पुलिस ने छात्र की काउंसिलिंग की और भविष्य में ऐसा न करने की चेतावनी दी। इसके बाद स्वजन ने राहत की सांस ली।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाला है परिवार
साइबर सेल के नोडल अधिकारी एवं सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि नंदग्राम निवासी एक महिला ने पूर्व एसएसपी से शिकायत की थी। उन्होंने पुलिस को बताया था कि वह लोग मूलरूप से उत्तराखंड अल्मोड़ा के एक गांव के रहने वाले हैं। वर्तमान में नंदग्राम में फ्लैट में रहते हैं। महिला स्थानीय कंपनी में अकाउंटेंट है। जबकि उनके पति रुद्रप्रयाग की कंपनी में टीम मैनेजर हैं।
रिश्तेदारों एवं पड़ोसियों को भेज रहा था मैसेेज
महिला के साथ उनका पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाला 10 वर्षीय बेटा व उनके सास-ससुर रहते हैं। माता-पिता की गैर मौजूदगी में दादा-दादी ही बेटे की देखरेख करते हैं। महिला ने आरोप लगाया था कि कोई व्यक्ति उनके नंबरों को हैक कर धमकी भरे मैसेज भेज रहा है। यह मैसेज उनके, उनके पति, रिश्तेदारों व पड़ोसियों के पास आ रहे हैं। हैकर परिजनों के नंबरों से ही सभी सदस्यों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को धमकी भरे मैसेज भेज रहा है। जांच के दौरान पांचवीं का छात्र ही आरोपित निकला। उसकी काउंसिलिंग के बाद स्वजन के सुपुर्द कर दिया गया।
छात्र ने पुलिस से कहा कि वह फ्लैट में बंद रहते हुए परेशान हो गया है
पूछताछ में छात्र ने पुलिस को बताया कि वह दिनभर चलने वाली आनलाइन क्लास और फ्लैट में कैद जिंदगी से परेशान हो गया है। वह फ्लैट से निकल कर पहाड़ों में बसे अपने गांव के बच्चों के बीच खेलना चाहता है। उसे घर से निकलने नहीं दिया जाता। इसके चलते उसने यह साजिश रची थी। छात्र का कहना है कि वह अपने गांव में ही रहकर पढ़ना चाहता है।
डिलीट कर देता था मैसेज और काल डिटेल
पुलिस ने बताया कि छात्र घर में जिसका भी मोबाइल फोन हाथ लगता था उसे लेकर टायलेट में चला जाता था। यहां वह धमकी भरे मैसेज भेजकर काल भी करता था और मैसेज व काल डिटेल डिलीट कर देता था। हालांकि काल पर वह कहता कुछ नहीं था। लेकिन, उसके द्वारा बार-बार काल करने से लोग दहशत में आ गए थे। मैसेज में वह लिखता था कि तुम्हारा बेटा बड़ा स्मार्ट है, उसे अल्मोड़ा भेज दो। बात नहीं मानी तो उसे छत से फेंक कर उसकी हत्या कर देंगे।
आप मुझ तक कैसे पहुंचे पुलिस अंकल
साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि पीड़ित महिला ने एसएसपी के अलावा नोएडा साइबर सेल में भी शिकायत की थी। नोएडा से आई टीम परिवार के लोगों के मोबाइल ले गई थी, लेकिन कुछ न मिलने पर वापस लौटा गई थी। उन्होंने बताया कि वह पूर्व में भी इस तरह के दो मामलों की जांच कर बच्चों की साजिश का पर्दाफाश कर चुके हैं। इस मामले में भी उन्हें बच्चे पर ही शक गहरा गया था। उन्होंने स्वजन के सभी मोबाइल जब्त कर बच्चे से दो दिन तक पूछताछ की तो उसकी साजिश का पर्दाफाश हो गया। बच्चे ने पूछा कि अंकल आपने मुझे कैसे पकड़ लिया। सुमित ने बताया कि मोबाइल जब तक पुलिस के पास रहे तब तक उनसे कोई मैसेज नहीं किया गया।