योग, आयुर्वेद से ही गंभीर से गंभीर बीमारियों का स्थाई इलाज संभव-स्वामी रामदेव

देश के अलावा विदेशों में योग को ऐसे ही नहीं अपनाया गया। लाइलाज बीमारियों का इलाज भी योग और आयुर्वेद से संभव हो सका है। एलोपैथी ने जहां अपने हाथ खड़े कर दिए वहां योग कारगर साबित हुआ। पतंजलि 3 हजार बेड़ का एक विशाल अस्पताल बना रही है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 06:17 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 06:17 PM (IST)
योग, आयुर्वेद से ही गंभीर से गंभीर बीमारियों का स्थाई इलाज संभव-स्वामी रामदेव
पतंजलि योग पीठ में होंगी 250 से ज्यादा थैरेपी, सप्ताह में सातों दिन खुलेगा योगपीठ

मोदीनगर, जागरण संवाददाता। देश के अलावा विदेशों में योग को ऐसे ही नहीं अपनाया गया। लाइलाज बीमारियों का इलाज भी योग और आयुर्वेद से संभव हो सका है। एलोपैथी ने जहां अपने हाथ खड़े कर दिए। वहां योग कारगर साबित हुआ। हरिद्वार में पतंजलि 3 हजार बेड़ का एक विशाल अस्पताल बना रही है। जो अब तक का सबसे बड़ा अस्पताल होगा। पतंजलि का लक्ष्य है कि प्रत्येक व्यक्ति को योग का महत्व बताकर उसको योग से जोड़ा जाए। हमारा उद्देश्य रोगी को सही करना ही नहीं है बल्कि रोग को पूरी तरह खत्म करना है। यह बातें स्वामी रामदेव मंगलवार को यहां सीकरी कलां स्थित पतंजलि योगपीठ के उद्घाटन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कह रहे थे।

एलोपैथी पर कटाक्ष करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि ड्रग्स इंडस्ट्री द्वारा तैयार किया गया सिलेबस डाक्टरों को पढ़ाया जा रहा है। उसी वजह से ड्रग्स को इतना बढ़ावा मिल रहा है। यदि यह उपचार आयुर्वेद से किया जाए तो रोग को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। योग और आयुर्वेद से ही गंभीर से गंभीर बीमारियों का स्थाई उपचार संभव है। सांसद डा. सत्यपाल सिंह ने कहा कि पतंजलि योगपीठ की स्थापना मोदीनगर क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने योगपीठ को जमीन दान देने वाली बुजुर्ग महिला दयावती का भी आभार जताया।

सीकरी कलां निवासी दयावती ने अपनी पैतृक जमीन पतंजलि योगपीठ को दान में दी है। स्वामी रामदेव ने दयावती के योगदान की सराहना की। मंच संचालन आचार्य बालकृष्ण ने किया। इससे पूर्व स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने आश्रम परिसर में मंत्रोच्चरण के साथ यज्ञ कराया। जिसमें दयावती ने आहूति दी। सभी ने स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण का जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर विधायक डा. मंजू शिवाच, चेयरमैन अशोक माहेश्वरी, अलका सिंह, सीकरी कलां के प्रधान सुरमेश शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश सिंहल, रामकिशोर अग्रवाल, विनोद गोस्वामी आदि समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

डा. मंजू शिवाच ने सबको चैंकाया:

विधायक डा. मंजू शिवाच ने अपने संबोधन में कहा कि एलोपैथी से वे खुद मरीजों का इलाज करती थीं। इसके बावजूद उन्होंने मरीजों को नियमित योग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि वे खुद भी नियमित योग करती हैं। योग से होने वाले फायदों के बारे में भी विधायक ने विस्तार से बताया। एलोपैथी को लेकर बाबा रामदेव के साथ चल रही खींचतान के बीच डा. मंजू शिवाच का यह बयान सबको चैंकाने वाला है।

सावधानी बरतने से टलेगा तीसरी लहर का खतरा :

स्वामी रामदेव ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से तभी बचा जा सकता है जब हम सावधानी बरतें। उन्होंने कहा कि योग करने से इम्युनिटी बढी रहेगी। निश्चित रूप से कोरोना योग करने वालों का कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

होंगी 250 से अधिक थैरेपी:

स्वामी रामदेव ने बताया कि पंतजलि योगपीठ में 250 से ज्यादा थैरेपी होंगी। मसाज, लेप, मिट्टी, औषधि समेत अन्य प्रकार की थैरेपी इनमें मुख्य हैं। किसी भी दिन योगपीठ की छुट्टी नहीं होगी। मेडिकेटेड फूड व मेडिकेटेड वाटर यहां मिलेगा। नियमित रूप से यज्ञ का आयोजन योगपीठ में कराया जाएगा। नौकरी पेशा से जुड़े से लोगों के लिए सुबह के वक्त पांच बजे थैरेपी कराने की सुविधा रहेगी। इसके बाद वे डयूटी आदि पूरी करने के बाद शाम को दोबारा थैरेपी कराने आ सकते हैं।

बहुत लोग थे दान देने वाले:

स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि को दान में जमीन देने वाले बहुत लोग हैं, लेकिन दयावती की त्याग, भावना और समर्पण को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। स्वामी रामदेव ने दयावती और उनके परिवार से जुड़े लोगों का आभार जताते हुए उनके जीवन में सुखद आनंद की कामना की।

गिलोय, नीम का नहीं कोई नुकसान:

स्वामी रामदेव ने गिलोय व नीम के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान के दावे का पूरी तरह खंडन किया। कहा कि गिलोय व नीम बहुत प्रभावी जड़ी बूटी है। इसका शरीर में कोई भी नुकसान नहीं है। इसका दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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