पंचायत चुनाव: गाजियाबाद में पूर्व मंत्री सहित कांग्रेस नेताओं की पुलिस ने की गिनती, भाजपा नेता के गनर को कार्यालय से किया बाहर

जिला पंचायत सदस्य के चुनाव के लिए नामांकन करने पहुंचे नेताओं को जिला मुख्यालय पर पुलिस के सख्त लहजे का सामना करना पड़ा। नेता चाहे सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के हों या कांग्रेस बसपा और सपा के। किसी की एक न चली सभी पुलिस अधिकारियों के आगे बेबस नजर आए।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 05 Apr 2021 12:40 PM (IST) Updated:Mon, 05 Apr 2021 05:39 PM (IST)
पंचायत चुनाव: गाजियाबाद में पूर्व मंत्री सहित कांग्रेस नेताओं की पुलिस ने की गिनती, भाजपा नेता के गनर को कार्यालय से किया बाहर
चुनाव आयोग की गाइडलाइन का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है।

गाजियाबाद, [अभिषेक सिंह]। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव के लिए नामांकन करने पहुंचे नेताओं को जिला मुख्यालय पर पुलिस के सख्त लहजे का सामना करना पड़ा। नेता चाहे सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के हों या कांग्रेस, बसपा और सपा के। किसी की एक न चली, सभी पुलिस अधिकारियों के आगे बेबस नजर आए।

रविवार को जिला पंचायत सदस्य के लिए उम्मीदवार का नामांकन कराने के दौरान जब भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल अपने प्राइवेट गनर के साथ जिला मुख्यालय के अंदर दाखिल हुए तो उन पर सीओ कविनगर अभय मिश्र की नजर पड़ गई। उन्होंने प्राइवेट गनर को नामांकन कार्यालय से बाहर का रास्ता दिखाया और स्पष्ट कहा कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है।

जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल ने बताया कि गनर भूलवश कार्यालय के अंदर आ गया था। थोड़ी देर में ही वहां पर कांग्रेस पार्टी के समर्थित उम्मीदवार भी पूर्व मंत्री सतीश शर्मा और जिलाध्यक्ष बिजेंद्र यादव के साथ नामांकन करने के लिए पहुंचे। भीड़ देख सबको डीएम कार्यालय के अंदर प्रवेश करने से पहले सिहानी गेट एसएचओ कृष्ण गोपाल शर्मा ने रोक लिया।

उन्होंने कहा कि एक उम्मीदवार के साथ सिर्फ दो प्रस्तावक ही अंदर जा सकते हैं। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एक नहीं बल्कि वह तीन उम्मीदवार का नामांकन कराने के लिए आए हैं, इसलिए संख्या ज्यादा है। एसएचओ सिहानी गेट ने कहा कि कोई नहीं नियम के तहत जितने लोग नामांकन कार्यालय तक जा सकते हैं, उनको जाने दिया जाएगा।

इसके बाद उन्होंने प्रत्येक उम्मीदवार के साथ आए प्रस्तावकों की गिनती शुरू की एक उम्मीदवार के साथ दो प्रस्तावक को डीएम कार्यालय के अंदर जाने दिया। गिनती में जो लोग ज्यादा मिले, उनको बाहर ही रोक दिया गया। ऐसा ही समाजवादी पार्टी द्वारा समर्थित उम्मीदवारों के नामांकन के लिए डीएम कार्यालय पहुंचने पर भी किया गया।

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