कोरोना संक्रमण ने एनसीआर में इस प्राधिकरण का किया बुरा हाल, न बिक रही प्रोपर्टी, न हो पा रहे विकास के काम, अधिकारी परेशान
अंग्रेजों के जमाने में हरनंदी (हिंडन) नदी पर बने जिस पुल में करीब चार साल पहले दरार आईं थीं। उसे नए सिरे से बनाने का काम अधर में है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के पास पैसों की कमी के कारण पुल के निर्माण में रुकावट आई है।
गाजियाबाद, [विवेक त्यागी]। अंग्रेजों के जमाने में हरनंदी (हिंडन) नदी पर बने जिस पुल में करीब चार साल पहले दरार आईं थीं। उसे नए सिरे से बनाने का काम अधर में है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के पास पैसों की कमी के कारण पुल के निर्माण में रुकावट आई है। पुल का निर्माण कर रहे सेतु निगम की तरफ से लगातार पैसों की मांग की जा रही है लेकिन जीडीए द्वारा पैसा जारी नहीं किया जा रहा है। इसी कारण काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। अभी मात्र 15-20 फीसद काम ही हो सका है।
हरनंदी पर बने रहे पुल का प्रोजेक्ट एक नजर में
- कुल लागत 22 करोड़ रुपये।
- पुल 11 मीटर चौड़ा और 176 मीटर लंबा होगा।
- अभी तक जीडीए ने दिए हैं चार करोड़ रुपये।
- सेतु निगम द्वारा की जा रही है और चार करोड़ रुपये की मांग।
- पुल बनने से प्रतिदिन करीब तीन लाख लोगों को होगा फायदा।
- जीटी रोड पर गाजियाबाद से मोहन नगर की तरफ जाने वाले करेंगे इस्तेमाल।
जीडीए को आय न होने के कारण आई यह स्थिति
कोरोना के प्रकोप से विकास योजनाओं के साथ जीडीए की आय भी प्रभावित हुई है। न जीडीए की प्रापर्टी बिक पा रही है न ही नक्शा पास कराने के लिए आवेदन आ रहे हैं और न ही कंपाउंडिंग के आवेदन आ रहे हैं। जीडीए को आय न होने के कारण ही सभी प्रोजेक्ट पर प्रभाव पड़ रहा है। अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से पहले जीडीए हर माह करीब 15 करोड़ की प्रापर्टी बेच देता था लेकिन कोरोना संक्रमण के प्रापर्टी की नीलामी भी नहीं हो पा रही है। इसके अलावा बकाया वसूली भी नहीं हो पा रही है।
अधिकारी का जवाब
कोरोना संक्रमण के कारण प्राधिकरण की आय प्रभावित हुई। यह सच किसी से छिपा नहीं है। पैसों की कमी के कारण समस्या हो रही है। प्राधिकरण की आय बढ़ाकर विकास योजनाओं को ट्रैक पर लाने के लिए मंथन किया जा रहा है।
विवेकानंद सिंह मुख्य अभियंता, जीडीए