RIP Choudhary Ajit Singh: नरेश टिकैत अब नहीं सुधार पाएंगे यह गलती, कहा था- 'चुनाव में हराना हमारी भूल थी'

RIP Choudhary Ajit Singh यूपी में जाटों के सबसे बड़े नेताओं में शुमार चौधरी अजित सिंह और टिकैत परिवार से एक अलग किस्म का रिश्ता रहा है। खट्टे-मीठे अनुभवों वाला। यही वजह है कि राकेश टिकैत और नरेश टिकैत ने कभी रालोद को कभी नकारा तो कभी गले भी लगाया।

By Jp YadavEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 05:51 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 07:23 AM (IST)
RIP Choudhary Ajit Singh: नरेश टिकैत अब नहीं सुधार पाएंगे यह गलती, कहा था- 'चुनाव में हराना हमारी भूल थी'
RIP Choudhary Ajit Singh: नरेश टिकैत अब नहीं सुधार पाएंगे यह गलती, कहा था- 'चुनाव में हराना हमारी भूल थी'

नई दिल्ली/गाजियाबाद, ऑनलाइन डेस्क। राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह ने कोरोना से जंग लड़ते हुए दुनिया को अलविदा कह दिया है। बृहस्पतिवार सुबह चौधरी अजित सिंह ने गुरुग्राम के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान कोरोना से जंग हार गए। 20 अप्रैल से भर्ती अजित सिंह ने कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद लगातार नाजुक हालत में रहे और फिर दम तोड़ दिया। 

पूरे उत्तर प्रदेश में जाटों के सबसे बड़े नेताओं में शुमार चौधरी अजित सिंह और टिकैत परिवार से एक अलग किस्म का रिश्ता रहा है। खट्टे-मीठे अनुभवों वाला। यही वजह है कि राकेश टिकैत और नरेश टिकैत ने कभी रालोद को कभी नकारा तो कभी गले भी लगाया। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत को इस बात का मलाल हमेशा रहेगा कि चौधरी अजित सिंह अपनी जीवन का अंतिम लोकसभा चुनाव मुजफ्फनगर लोकसभा सीट से हारे। 

 इस सील जनवरी महीने में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के गाजीपुर बॉर्डर पर फूट-फूटकर रोने की घटना के बाद चौधरी अजित सिंह और टिकैत परिवार के बीच दूरी लगभग खत्म हो गई। इसके बाद जनवरी महीने में ही मुजफ्फरनगर के सिसौली में आयोजित महापंचायत में भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा था कि चौधरी अजित सिंह को लोकसभा चुनाव में हराना हमारी भूल थी। हम झूठ नहीं बोलते हम दोषी हैं। नरेश टिकैत ने कहा था कि इस परिवार ने हमेशा किसानों के सम्मान की लड़ाई लड़ी है, आगे से ऐसी गलती ना करियो।

मगर अफसोस भाकियू नेता अपनी यह गलती अब कभी नहीं सुधार पाएंगे। राजनीति के जानकारों की मानें तो अगर चौधरी अजित सिंह जीवित रहते तो आगामी लोकसभा चुनाव मुजफ्फनगरनगर सीट से लड़ते और जाहिर है टिकैत परिवार का पूरा समर्थन उन्हें मिलता।

 वर्ष, 2014 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह ने अमरोहा से राकेश टिकैत को लोकसभा प्रत्याशी बनाया था। इसकी वजह टिकैत परिवार का दबदबा था। इसके जरिये चौधरी अजित सिंह किसानों और टिकैत परिवार दोनों को एक तीर से साधना चाहते थे।

पश्चिम यूपी में जाटों की राजनीति की दिशा तय करते थे अजीत सिंह

6 बार लोकसभा सांसद और 4 बार केंद्रीय मंत्री रहे अजीत सिंह की राजनीतिक पहुंच का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनका पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सिक्का चलता था। वह न केवल कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए, बल्कि बीजेपी की सरकार में भी मंत्री रहे। चौैधरी अजित सिंह एक बार राज्य सभा सांसद और सात बार लोक सभा सांसद रहे। हालांकि 2014 और 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बावजूद इसके वह लगातार सक्रिय रहे थे।

यह भी जानें राष्ट्रीय लोक दल के नेता अजित सिंह का जन्म 12 फरवरी 1939 को मेरठ में हुआ था। चौधरी अजित सिंह पूर्व प्रधानमंत्री और देश के बड़े किसान नेता चौधरी चरण सिंह के बेटे थे।  वह कई बार केंद्रीय मंत्री रहे।

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