Muradnagar Incident: पुजारी ने दी भ्रष्टाचार की 'गवाही', पांच दिन पहले ही नजर आ गई थी छत में दरार
अंत्येष्टि स्थल में बनी गैलरी की छत में हादसे से पांच दिन पहले ही दरार आ गई थी। यह दावा अंत्येष्टि स्थल में रहने वाले पुजारी नरेश ने किया है। उनका कहना है कि दरार आने के बाद शिकायत भी की गई थी लेकिन उस पर कार्यवाही नहीं हुई है।
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। अंत्येष्टि स्थल में बनी गैलरी की छत में हादसे से पांच दिन पहले ही दरार आ गई थी। यह दावा अंत्येष्टि स्थल में रहने वाले पुजारी नरेश ने किया है। उनका कहना है कि दरार आने के बाद शिकायत भी की गई थी लेकिन उस पर कार्यवाही नहीं हुई है। छत की दरार छिपाने के लिए रंगाई-पुताई कराई जा रही थी। हादसे वाले दिन भी एक पेंटर पुताई कर रहा था, ब्रश खराब होने के कारण पांच मिनट पहले ही वह गैलरी से बाहर निकला था, जिस वजह से हादसे की चपेट में आने से बच गया।
सलामत है चंदे से बनी पुरानी गैलरी, स्वाहा हुई भ्रष्टाचार की छत
पुजारी नरेश ने बताया कि अंत्येष्टि स्थल में जिस जगह वह रहते हैं, उसके पास ही दूसरी गैलरी भी बनी है। जो कि 25 साल पहले स्थानीय निवासियों द्वारा चंदा देकर बनवाई गई है। आज तक वह दीवार और गैलरी की छत सलामत है। गेट छोटा होने के कारण श्मशान स्थल के बीच में दूसरा प्रवेश द्वारा पांच साल पहले बनाया गया।
जो करीब 18-20 फीट ऊंचा है। इसी प्रवेश द्वार के पास नई गैलरी बनाई गई थी, जो कि भ्रष्टाचार के कारण डेढ़ माह बाद ही 'स्वाहा' हो गई। नया प्रवेश द्वार भी सलामत है, उस पर अब छत के निशान नजर आ रहे हैं। जो सही मायने में अब छत का डिजाइन नहीं भ्रष्टाचार की तस्वीर दिखा रहे हैं।
जयराम की हुई थी मौत, फल और सब्जी बेचने का करते थे काम
70 वर्षीय जयराम बालाजी विहार में किराए पर मकान लेकर परिवार के साथ रहते थे। गुजर बसर के लिए फल और सब्जी बेचने का काम करते थे। दो जनवरी की देर रात को ह्दयगति रुकने से उनकी मौत हो गई थी। तीन जनवरी की सुबह उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए उखलारसी स्थित अंत्येष्टि स्थल ले जाया गया था, जहां पर गैलरी की छत गिरने के कारण कई लोगों की मौत हो गई है। हादसे के तीन दिन बाद बाद भी उखलारसी में मातम पसरा है।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो