Liquor Shops Open Time: लॉकडाउन और सख्ती के बीच नोएडा-गाजियाबाद में खुली शराब की दुकानें, जानिये- टाइमिंग
Liquor Shops Open Time उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के मुताबिक रोजाना सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक शराब बीयर की दुकानें खुलेंगी। गौतमबुद्ध नगर के अलावा गाजियाबाद जिले में भी मंगलवार सुबह से ही शराब की दुकानें खुली हैं।
गाजियाबाद, ऑनलाइन डेस्क। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच जहां पूरे उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन लागू है, वहीं नोएडा और गाजियाबाद में मंगलवार से ही शराब की दुकानें खोल दी गई हैं, जबकि अन्य कई जिलों में बुधवार से खोला जा सकता है। यूपी सरकार के आदेश के मुताबिक, रोजाना सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक शराब, बीयर की दुकानें खुलेंगी। गौतमबुद्ध नगर के अलावा गाजियाबाद जिले में भी मंगलवार सुबह से ही शराब की दुकानें खुली हैं। दुकानों के बाहर 6 फीट की दूरी पर गोला बनाना होगा, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया जा सके। वहीं, सभी दुकानों पर कैंटीन को बंद रखा जाएगा। 10 बजे से 7 बजे तक दुकानें खोली जा रही हैं। इस दौरान कोविड 19 प्रोटोकाल के नियमों का पालन कराने की बात कही जा रही है।
गौतमबुद्धनगर में शराब की सभी दुकानें खुली हैं। बुधवार से शासन के आदेश के बाद जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने निर्देश जारी किया है। इसके तहत सुबह 10 से शाम 5 बजे तक शराब की दुकानें खुलेंगी। वहीं, निर्धारित समय के बाद दुकान खोलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मंगलवार को कई दिनों बाद शराब की दुकान खुलने से दुकानों पर शराब खरीदने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इस दौरान दुकानों पर शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं किया जा रहा है।
दरअसल, पिछले दिनों उत्तर प्रदेस के शराब विक्रेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शराब की दुकानें खोलने की मांग की थी। शराब कारोबारियों ने लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें खोले जाने के लिए सीएम योगी को पत्र लिखा था।वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी कन्हैयालाल मौर्या, उपाध्यक्ष विकास श्रीवास्तव, नीरज जायसवाल, शंकर कनौजिया, नितिन जायसवाल ,जय जायसवाल शिवकुमार, देवेश जायसवाल ने प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ जी से बंद पड़ी शराब की दुकानों को खोलने की मांग की थी।
शराब कारोबारियों के मुताबिक, शराब की दुकानें बंद होने से रोजाना 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान यूपी में हो रहा है तथा शराब की दुकानें बंद होने से निर्धारित मासिक कोटा और लाइसेंस फीस की चिंता सता रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री आबकारी सचिव तथा आबकारी आयुक्त को पत्र लिखकर शराब की दुकानें खोलने की मांग रखी गई थी।