जानें रेलवे के पांचों डिविजनों में ए श्रेणी केटेगरी में गाजियाबाद जंक्शन को मिला कौन सा स्थान, कितने स्थान का हुआ इजाफा

हर साल होने वाले रेलवे के सर्वेक्षण की रिपोर्ट में इस बार रैंकिंग जारी नहीं की गई बल्कि पहले स्थान पर रहने वाले स्टेशनों की घोषणा की गई है। स्टेशन अधीक्षक कुलदीप त्यागी ने बताया कि बीते साल गाजियाबाद 85वीं रैंकिंग पर था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 05:34 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 05:34 PM (IST)
जानें रेलवे के पांचों डिविजनों में ए श्रेणी केटेगरी में गाजियाबाद जंक्शन को मिला कौन सा स्थान, कितने स्थान का हुआ इजाफा
उत्तर रेलवे के पांचों डिविजन में गाजियाबाद अव्वल।

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। ए श्रेणी के स्टेशनों में गाजियाबाद जंक्शन को उत्तर रेलवे का सबसे स्वच्छ स्टेशन का अवार्ड मिला है। हर साल होने वाले रेलवे के सर्वेक्षण की रिपोर्ट में इस बार रैंकिंग जारी नहीं की गई, बल्कि पहले स्थान पर रहने वाले स्टेशनों की घोषणा की गई है। स्टेशन अधीक्षक कुलदीप त्यागी ने बताया कि बीते साल गाजियाबाद 85वीं रैंकिंग पर था। इस बार उत्तर रेलवे के पांचों डिविजन दिल्ली, मुरादाबाद, लखनऊ, अंबाला व फिरोजपुर में गाजियाबाद को पहला स्थान मिला है।

मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक जितेंद्र दुबे ने बताया कि यात्रियों की संख्या और व्यस्तता के आधार पर स्टेशनों को ए-1 से लेकर ई श्रेणी में बांटा गया है। गाजियाबाद जंक्शन ए श्रेणी में आता है। रेलवे देश के सभी स्टेशनों पर स्वच्छता सर्वेक्षण करती है। इसमें स्टेशन पर प्लेटफार्म की सफाई, पानी निकासी की स्थिति, रेलवे ट्रैक की स्थिति, कूड़ेदान की उपलब्धता, यात्रियों के फीडबैक और शिकायतों की संख्या के आधार पर व्यवस्था को परखा जाता है। बुकिंग व आरक्षण केंद्र के साथ ही यात्री सुविधा से जुड़ी हर चीज को सर्वेक्षण में शामिल किया जाता है। खास बात है कि सर्वेक्षण टीम के आने की सूचना स्थानीय अधिकारियों को नहीं दी जाती है। जितेंद्र दुबे का कहना है कि कर्मचारियों की मेहनत से यह सफलता मिली है। सफाई व्यवस्था को आगे भी दुरुस्त रखेंगे।

रेल यात्रियों की बातें

आसपास के बाकी स्टेशनों की तुलना में गाजियाबाद की स्थिति कहीं बेहतर है। स्टेशन को स्वच्छता में अवार्ड मिला है तो बिल्कुल सही है।

- शुभम यादव, रेल यात्री।

पहले गंदगी दिखती थी, लेकिन अब अधिकारी स्वच्छता पर खास ध्यान रहे हैं। प्लेटफार्म पर कूड़ा नहीं दिखता। अवार्ड इसी का परिणाम है।

- अनिल कश्यप, दैनिक रेल यात्री।

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