जानिए यूपी गेट पर चल रहे प्रदर्शन में कितने करोड़ का पानी मुफ्त में पी गए किसान, बोर्ड बैठक में निगम ने दी जानकारी

आठ माह में औसतन 100 टैंकर पानी रोजाना यूपी गेट पर हुआ इस्तेमाल एक टैंकर की कीमत है 500 रुपये शहर में 30 फीसद क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन नहीं लोग बाजार से महंगे दाम पर खरीदते हैं पानी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 16 Jul 2021 01:08 PM (IST) Updated:Fri, 16 Jul 2021 01:08 PM (IST)
जानिए यूपी गेट पर चल रहे प्रदर्शन में कितने करोड़ का पानी मुफ्त में पी गए किसान, बोर्ड बैठक में निगम ने दी जानकारी
किसानों को यहां पर पीने के पानी टैंकर मुफ्त मुहैया कराया गया, उनसे कोई शुल्क नहीं लिया गया।

गाजियाबाद, अभिषेक सिंह। यूपी गेट पर बीते आठ माह से किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। नगर निगम की ओर से किसानों को यहां पर पीने का पानी टैंकर के माध्यम से मुहैया कराया जा रहा है। ये पानी उनको मुफ्त दिया जा रहा है इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। कुछ दिन पहले नगर निगम की बोर्ड बैठक हुई, इस बैठक में किसानों को पानी मुहैया कराए जाने पर हुए खर्च का भी ब्यौरा पेश किया गया इसको जानकर बैठक में मौजूद हर कोई हैरान रह रह गया।

दो दिन पहले हुई बोर्ड बैठक

नगर निगम द्वारा दो दिन पहले बोर्ड बैठक में सालाना आय और व्यय का ब्यौरा दिया। जिसमें एक साल में पानी की बिक्री से महज एक लाख सात सौ चालीस रुपये की आमदनी होना बताया गया, इस पर पार्षदों ने सवाल उठाते हुए जांच की मांग की है। दूसरी तरफ नगर निगम ने महज आठ माह में ही यूपी गेट पर कृषि कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को 1.20 करोड़ रुपये का पानी मुफ्त में उपलब्ध करवाया है, जिसमें पानी की खूब बर्बादी भी हुई है। यह हाल तब है जब नगर निगम के पास पेयजल आपूर्ति के लिए रोजाना 346 एमएलडी की मांग के सापेक्ष 78 एमएलडी पानी की कमी रहती है।

पेयजल आपूर्ति में है दिक्कत

नगर निगम के पास शहरियों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं है। सिर्फ 70 फीसद क्षेत्रों में ही पाइप लाइन से जल आपूर्ति की जाती है। इनमें भी कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति नहीं होती है। मजबूरी में लजोग एक रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बाजार से पानी खरीदकर पीते हैं। 30 फीसद क्षेत्र में लोग पेयजल पाइपलाइन न होने के कारण रोजाना बाजार से पानी खरीदते हैं। जबकि अगर नगर निगम यहां पर पानी की आपूर्ति टैंकर के माध्यम से करे तो लोगों को राहत मिल सकती है। उनको महंगे दाम पर बाजार से पानी खरीदकर नहीं पानी पड़ेगा। यहां नहीं होती है

पेयजल आपूर्ति

राजनगर एक्सटेंशन, सिहानी, अकबरपुर बहरामपुर, महरौली, डूंडाहेड़ा सैनविहार, सुदामापुरी, महाराणा विहार, खैराती नगर, भीमनगर, बागू, इंदिरा कालोनी, राहुल विहार , सिद्धार्थ विहार, गुलधर, न्यू फ्रेंडस कालोनी, रईसपुर, सदरपुर, महेंद्रा एंक्लेव, बयाना, काजीपुरा, नायफल, मैनापुर, बम्हैटा, सिकरोड, कनावनी, भोपुरा, मोरटा में पेयजल पाइप लाइन न होने के कारण नगर निगम द्वारा पानी की आपूर्ति नहीं की जाती है।

औसतन 100 टैंकर पानी रोजाना खर्च

पिछले आठ माह में रोजाना औसतन 100 टैंकर पानी की आपूर्ति यूपी गेट पर की गई। प्रदर्शनकारियों की संख्या में कमी आने के कारण वर्तमान में रोजाना 60 टैंकर पानी की आपूर्ति की जाती है। एक टैंकर में चार हजार लीटर पानी आता है और इसकी कीमत पांच सौ रुपये है। यूपी गेट पर नगर निगम जरूरत पड़ने पर रात को 12 बजे भी पानी के टैंकर भेजता है।

वर्तमान में पेयजल की मांग 346 एमएलडी है।

कुल जल का उत्पादन 344 एमएलडी है।

एनआरडब्लयू - 22 फीसद,

प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता - 134 एलपीसीडी।

वर्तमान में आपूर्ति किए जा रहे जल की मात्रा - 268 एमएलडी।

वर्तमान में पेयजल की कमी - 78 एमएलडी।

वाटर टैंकरों की संख्या - 54

कुल क्रियाशील हैंडपंपों की संख्या - 6,883

अधिकारियों का जवाब

पानी की बिक्री से एक साल में एक लाख रुपये की कमाई हुई है। वर्तमान में रोजाना 60 टैंकर पानी यूपी गेट पर भेजा जाता है। ऐसे में पानी की ज्यादा बिक्री नहीं हो पा रही है।

- योगेश श्रीवास्तव, महाप्रबंधक, जलकल, नगर निगम।

पार्षद का जवाब

नगर निगम को पानी की बर्बादी रोकनी चाहिए। सिर्फ पेयजल के लिए ही पानी उपलब्ध करवाया जाए। यूपी गेट पर पानी की बर्बादी रुकेगी तो अन्य जगहों पर भी पेयजल आपूर्ति की जा सकेगी। ऐसे में लोगों को महंगे दाम पर बाजार से पानी नहीं खरीदना पड़ेगा।

- राजीव शर्मा, पार्षद।

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