अस्पताल की लापरवाही से 24 घंटे बाद भी नहीं मिला आईएसओ प्रमाण पत्र, आई गई फ्लाइट छूटने की नौबत,जानिए क्या है पूरा मामला
वैशाली की एक महिला को इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए अस्पताल से आरटीपीसीआर जांच कराने के बाद भी आईएसओ सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। जिससे महिला को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। देर रात को महिला की फ्लाइट छूटने की नौबत आ गई।
गाजियाबाद, आनलाइन डेस्क। कौशांबी के एक जाने-माने अस्पताल की लापरवाही के चलते एक महिला की इंटरनेशनल फ्लाइट छूटने की नौबत आ गई। वैशाली सेक्टर-4 में रहने वाली एक महिला को हांगकांग जाना था। महिला की सोमवार रात की फ्लाइट थी। इसके लिए महिला ने एक अस्पताल से 24 घंटे पहले आरटी पीसीआर जांच कराई थी। लेकिन जांच कराने के बाद पैसेंजर को बोर्डिंग पास में अस्पताल की ओर से आईएसओ प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया। इसके लिए महिला को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
दरअसल, हवाई अड्डे पर बोर्डिंग पास के लिए अस्पताल का आईएसओ प्रमाण पत्र जरूरी होता है । जिसे कोरोना जांच कराने के बाद अस्पताल ने प्रारंभ में नहीं दिया । पीड़ित महिला को आधी रात के बाद जाने वाली फ़्लाइट के बोर्डिंग काउंटर से इस बात का पता चला। उसने अस्पताल के कस्टमर केयर से बात की तो वह बड़ी मुश्किल से अक्टूबर 2020 तक का वैध प्रमाण पत्र ही मिल सका , जो कि वर्तमान में अमान्य है ।
अस्पताल के इमरजेंसी व कस्टमर केयर नंबर से नहीं मिली मदद
महिला के पिता अवधेश सिंह ने बताया कि कई बार अस्पताल के कस्टमर केयर से बात की। इसमें बताया गया है कि अभी नया नहीं बना है प्रोसेस में है। देर रात तक उन्होंने अस्पताल के अन्य कई नंबरों पर काल किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। काफी देर बाद एयरपोर्ट के सह यात्री की मदद से अस्पताल का संशोधित प्रमाण पत्र एनएबीएल की वेबसाइट से डाउन लोड किया गया ।
इसके बाद बोर्डिंग पास लेकर फ्लाइट पकड़ने में सफलता मिली । अगर संशोधित प्रमाण पत्र नहीं मिलता तो फ्लाइट छूट सकती थी। अस्पताल के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये से खफा पैसेंजर ने इस मामले में अस्पताल की शिकायत करने की बात कही है। हालांकि अस्पताल के मैनेजमेंट इस संबंध में अभी कोई बात नहीं की।