Ghaziabad Viral Video: ट्विटर के एमडी ने गाजियाबाद पुलिस की नोटिस के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट में दाखिल की याचिका
गाजियाबाद वायरल वीडियो प्रकरण में ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी बृहस्पतिवार को लोनी बॉर्डर थाने में अपना बयान दर्ज कराने के लिए आ सकते हैं। इसके बाद द वायर कंपनी और अन्य सात आरोपितों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
गाजियाबाद/लोनी, जागरण संवाददाता। बुजुर्ग की पिटाई मामले के संदर्भ में वायरल वीडियो प्रकरण में ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी बृहस्पतिवार को लोनी बॉर्डर थाने में बयान दर्ज कराने के लिए आना है। इस बीच ट्विटर के एमडी मनीष माहेश्वरी ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें सेक्शन 41 एक के तहत दिए गए नोटिस को चुनौती दी गई है। ट्विटर ने साफ किया है कि अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल नहीं की गई है।
वहीं, गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि ट्विटर के एमडी के बाद द वायर कंपनी और अन्य सात आरोपितों के बयान दर्ज किए जाएंगे। बॉर्डर थाना प्रभारी निरीक्षक अखिलेश मिश्र ने बताया कि वीडियो वायरल करने के मामले में पुलिस की ओर से ट्विटर कम्युनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी मनीष माहेश्वरी समेत नौ को नोटिस भेजा गया था। मनीष माहेश्वरी को 24 जून तक थाना लोनी बॉर्डर में बयान दर्ज कराने के निर्देश दिए गए थे। उनके अधिवक्ता ने मंगलवार रात फोन कर 23 जून को आने की बात कही थी। लेकिन बुधवार को फोन कर 24 जून को आने की बात कही है। उन्होंने बताया कि तीन दिन पूर्व कंपनी के एमडी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बयान देने की बात कही थी, जिसे पुलिस के अधिकारियों ने मानने से इनकार कर दिया था।
बयान से पलटा समद
पुलिस को दर्ज कराए बयान में अब्दुल समद ने बताया कि युवकों ने मारपीट और दाढ़ी काटने के दौरान धार्मिक नारे लगवाने की बात से इनकार किया है। इसके साथ ही उसने कई अन्य बातें पुलिस को बताई हैं, जिसपर पुलिस जांच कर रही है। पुलिस क्षेत्रधिकारी अतुल कुमार सोनकर ने बताया कि समद ने 14 जून को बयान दर्ज कराए थे। उसने सपा नेता उम्मेद पहलवान द्वारा उकसाकर रिपोर्ट दर्ज कराने और पुलिस को गुमराह करने के लिए घटना स्थल बॉर्डर थाने में बताने की बात बताई है। हालांकि, वह इसके बाद बयान से पलटकर मीडिया के सामने धार्मिक नारे लगवाने की बात कह चुका है।
कांफ्रेस पर हुई बात
साहिबाबाद शहीद नगर पार्षद के पति ने दर्ज कराए बयानों में बताया कि एक युवक ने उन्हें फोन कर मामले की जानकारी दी। जिसके बाद उन्होंने सपा नेता के पास जाने को कहा। साथ ही नंबर उपलब्ध कराया। युवक ने पहले कांफ्रेस पर बुजुर्ग और उम्मेद की बात कराई। उसके बाद बुजुर्ग को लोनी बुलाया गया। पार्षद के पति ने वीडियो वायरल कर सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के मामले में स्वयं को निर्दोष बताया है।