Loni Vral Video Case: सपा नेता उम्मेद पहलवान को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार सपा नेता उम्मेद पहलवान को पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उम्मेद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में डासना जेल भेज दिया है।
गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। लोनी में बुजुर्ग से मारपीट के मामले को सांप्रदायिक रंग देकर सौहार्द खराब करने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार सपा नेता उम्मेद पहलवान को पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उम्मेद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में डासना जेल भेज दिया है। इससे पहले गाजियाबाद पुलिस ने उम्मेद को शनिवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। क्राइम ब्रांच ने शनिवार दोपहर उसे दिल्ली स्थित एलएनजेपी अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उम्मेद ने अपनी की गलती स्वीकार कर ली।
क्या था मामला
लोनी निवासी प्रवेश ने दोस्त आदिल व इंतजार के जरिए बुलंदशहर निवासी बुजुर्ग अब्दुल समद से ताबीज बनवाया था। प्रवेश का कहना था कि डेढ़ साल में पांच लाख रुपये अब्दुल ने लिए, लेकिन ताबीज बेअसर रही। बीते पांच जून को आदिल व इंतजार के जरिए प्रवेश ने अब्दुल को बुलाया व मारपीट कर वीडियो कर बाद में इसे वायरल किया गया। इसे कई लोगों ने ट्वीट कर सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की।
सपा नेता उम्मेद ने अब्दुल के साथ फेसबुक लाइव से माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। लोनी बार्डर थाना पुलिस ने अब्दुल की तहरीर पर उससे मारपीट करने वालों को गिरफ्तार कर उम्मेद के खिलाफ केस दर्ज किया।
खुद को बचाने की कोशिश
क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर संजय पांडे की टीम ने शनिवार दोपहर 12 बजे दिल्ली से उम्मेद को गिरफ्तार किया। उम्मेद को सीधे क्राइम ब्रांच कार्यालय लाया गया, जहां अधिकारियों ने घंटों उससे पूछताछ की। उम्मेद ने बताया कि पुलिस के केस दर्ज करने के बाद वह दिल्ली भाग गया था। यहां अपने करीबियों के घर छिपा रहा। बार-बार वह अपना ठिकाना बदलता रहा। पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद उम्मेद ने कहा कि अब्दुल के बहकावे में आकर उसने ऐसा किया और उसे अपने किए पर पछतावा है। पुलिस की जांच में सामने आया है उम्मेद ने खुद ही बुजुर्ग से संपर्क किया था। वह खुद को बचाने के लिए ऐसा बयान दे रहा है।
बुलंदशहर व दिल्ली में छिपा रहा
पुलिस ने 16 जून को उम्मेद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। इसका पता चलते ही वह फरार हो गया। पहले बुलंदशहर और फिर दिल्ली पहुंचा। मोबाइल नंबर बंद कर वाट्सएप से पुलिस की कार्रवाई पर नजर रख रहा था। शिकंजा कसता देख उसने 17 जून की शाम को एसएसपी से मिलने की बात कही थी। इसके बाद उसके समर्पण करने कयास लगने लगे। इस कारण बृहस्पतिवार को देर रात तक पुलिस टीम उसका इंतजार करती रही। उम्मेद ने शुक्रवार को आने के लिए कहा तो एसएसपी कार्यालय के बाहर क्राइम ब्रांच की टीम डेरा डाले रही, मगर वह नहीं आया।