GDA: अवैध निर्माण के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई न होने के कारण प्राधिकरण को हो रहा राजस्व का नुकसान, काम जारी

जीडीए की प्रवर्तन टीम के अफसरों को अवैध निर्माण दिखा ही नहीं। चाहे कुछ भी रहा हो लेकिन जिम्मेदार अफसरों के इस रवैये ने जीडीए की योजनाओं को खूब पलीता लगाया। अगर अवैध निर्माण के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हो रही होती तो आज शहर में हालात यह न होते।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 27 May 2021 05:34 PM (IST) Updated:Thu, 27 May 2021 05:34 PM (IST)
GDA: अवैध निर्माण के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई न होने के कारण प्राधिकरण को हो रहा राजस्व का नुकसान, काम जारी
अगर अवैध निर्माण के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हो रही होती तो आज शहर में हालात यह न होते।

गाजियाबाद, [विवेक त्यागी]। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की प्रवर्तन टीम के अफसरों को अवैध निर्माण दिखा ही नहीं या देखना ही नहीं चाहा। कारण चाहे कुछ भी रहा हो, लेकिन जिम्मेदार अफसरों के इस रवैये ने जीडीए की योजनाओं को खूब पलीता लगाया। अगर अवैध निर्माण के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हो रही होती तो आज शहर में हालात यह न होते। आवासीय कालोनियों में लाइन से कामर्शियल बिल्डिंग बन गई हैं। उनमें बड़े-बड़े शोरूम चल रहे हैं। इससे सीधे तौर पर प्राधिकरण को राजस्व का नुकसान हो रहा है।

चौपट हुई प्लानिंग, छिना लोगों का चैन

जीडीए ने जब शहर की प्ला¨नग की थी तो आवासीय व कामर्शियल क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग प्लानिंग की थी। आवासीय कालोनियों की सड़कों से लेकर प्रत्येक सुविधा आवासीय हिसाब से विकसित की गई, लेकिन एक-एक करके शहर ही सभी कालोनियों में आवास को तोड़कर कामर्शियल बिल्डिंग बनती चली गईं, जहां एक परिवार के हिसाब से सुविधाएं विकसित की गई थी, पार्किंग की व्यवस्था की गई थी। कामर्शियल बिल्डिंग बनने से पूरी प्ला¨नग ही चौपट हो गई। अब आवासीय क्षेत्रों में बने मिनी शापिंग सेंटर पर लोग खरीदारी करने आते हैं तो लोगों के घरों के बाहर वाहन खड़े कर जाते हैं। इस कारण आवासीय कालोनियों के मकानों में रह रहे लोगों को काफी परेशानी होती है। घर के सामने गाड़ी खड़ी करने को लेकर अक्सर विवाद भी होते रहते हैं।

ट्रांस हिंडन क्षेत्र में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण

यूं तो शहर की हर कालोनी में नक्शे व भू-उपयोग के विपरीत अवैध निर्माण हुआ व हो रहा है लेकिन ट्रांस ¨हडन क्षेत्र के इंदिरापुरम, राजेंद्र नगर, शालीमार गार्डन, लाजपत नगर, श्याम पार्क, बृज विहार, वैशाली आदि क्षेत्र में सबसे ज्यादा अवैध निर्माण हुआ। इसके अलावा शहर में गांधी नगर, नेहरू नगर, शास्त्रीनगर, पटेल नगर, न्यू आर्य नगर, राजनगर, आरडीसी में काफी अवैध निर्माण हुए हैं।

इस तरह हुआ जीडीए को राजस्व का नुकसान

जीडीए की आवासीय प्रापर्टी के मुकाबले कामर्शियल प्रापर्टी के दाम तीन से चार गुना अधिक होते हैं। जीडीए की प्रवर्तन टीम के अफसरों ने लापरवाही की तो आवासीय प्रापर्टी पर कामर्शियल काम्प्लेक्स बनते गए। ऐसे में लोगों का रुझान जीडीए की कामर्शियल प्रापर्टी से हट गया। काफी संख्या में कामर्शियल प्रापर्टी बिकी नहीं हैं। कामर्शियल प्लाटों पर कामर्शियल काम्प्लेक्स व माल बन गए हैं लेकिन दुकानें व शोरूम खाली पड़े हैं। वहीं आवासीय प्रापर्टी पर अवैध रूप से बने मिनी शा¨पग सेंटर में बनी दुकानों व शोरूम को लोग हाथोंहाथ खरीद लेते हैं।

जीडीए उपाध्यक्ष का बयान

अवैध निर्माण किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा। किस कालोनी में कहां, कब अवैध निर्माण हुआ या हो रहा है। इसका पूरा सर्वे कराया जाएगा। प्राधिकरण के जो भी अधिकारी या कर्मचारी अवैध निर्माण कराने के मामले में लिप्त पाए जाएंगे। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।- कृष्णा करुणेश, जीडीए उपाध्यक्ष।

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