ट्रेनों में वारदात का सैकड़ा लगाने वाले गिरोह के चार बदमाश गिरफ्तार, पुलिस को बताया किस समय करते थे अपराध

जीआरपी ने ट्रेनों में वारदात करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपित नशे की लत और तेज रफ्तार बाइक के शौक को पूरा करने के लिए वारदात करते हैं। इनसे आठ मोबाइल और नकदी के साथ चाकू भी मिले हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 03:21 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 03:21 PM (IST)
ट्रेनों में वारदात का सैकड़ा लगाने वाले गिरोह के चार बदमाश गिरफ्तार, पुलिस को बताया किस समय करते थे अपराध
गाजियाबाद, नोएडा व बुलंदशह से दर्जनों बार जा चुके जेल, नशे की लत पूरा करने को करते थे वारदात।

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। जीआरपी ने ट्रेनों में वारदात करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपित नशे की लत और तेज रफ्तार बाइक के शौक को पूरा करने के लिए वारदात करते हैं। इनसे आठ मोबाइल और नकदी के साथ चाकू भी मिले हैं। स्टेशन पर ट्रेन से चढ़ने व उतरने के दौरान मोबाइल व पर्स पर हाथ साफ कर देते हैं। आउटर पर ट्रेन की रफ्तार कम होने पर छिनैती करते हैं। विरोध करने पर चाकू से हमला कर देते हैं और पर्स की बेल्ट काटकर फरार हो जाते हैं।

कर चुके 100 से अधिक वारदात

जीआरपी सीओ सुदेश गुप्ता ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित बुलंदशहर के ककोड़ थानाक्षेत्र में हिरनौटी गांव निवासी उधम उर्फ बोबी, टीला मोड़ निवासी शोएब उर्फ शेबू, बुलंदशहर के नगर कोतवाली क्षेत्र निवासी बिलाल उर्फ घोड़ा और दिल्ली के सीमापुरी निवासी गोविंदा हैं। इन्हें शुक्रवार तड़के गाजियाबाद जंक्शन के पास से पकड़ा है। बिलाल गिरोह का सरगना है और उधम पूर्व में पांच हजार का इनामी बदमाश रह चुका है। चारों बदमाश अलग-अलग जिलों से दर्जनों बार जेल जा चुके हैं। गिरोह ने करीब 100 वारदात को अंजाम दिया है। बुलंदशहर, नोएडा और गाजियाबाद में इनके खिलाफ 40 से अधिक केस दर्ज हैं। पुलिस इनके अन्य साथियों की तलाश कर रही है।

तेज रफ्तार बाइक से कई बार हो चुका घायल

जीआरपी एसओ सतीश कुमार ने बताया कि तीन आरोपित नशे के आदी हैं, जबकि गोविंदा ने हाल में ही वारदात करना शुरू किया था। बिलाल के पास केटीएम की बाइक है, जिससे गिरकर वह कई बार घायल हो चुका है। गिरफ्तारी के वक्त भी उसके दोनों हाथ बाइक स्लिप होने की वजह से चोटिल थे। आरोपित डिप्रेशन में दी जाने वाली अल्प्राजोलम की गोलियों की भी तस्करी करते हैं।

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